आखिर क्यों सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव की पूजा नहीं होती है? यहां जानिए इसकी वजह
By निहारिका गुप्ता
Gyanvapi Vyas Tehkhana Hindu Puja: महादेव की नगरी काशी में ज्ञानवापी के मौजूदा ढांचे पर हिंदू-मुस्लिम अनुयायियों के बीच विवाद कायम है. ज्ञानवापी पहले एक विशाल मंदिर होता था..मुगलों के शासन में उसे तोड़कर मस्जिद का रूप दे दिया गया. हालांकि, सरकार द्वारा कराए गए एएसआई सर्वे में वहां मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं. इसके अलावा ज्ञानवापी के एक तहखाने में सदियों से हिंदू पूजा भी करते आ रहे थे, जिसे “व्यासजी का तहखाना” कहते हैं. यूपी की मुलायम सरकार ने 1993 में हिंदू पक्ष से यह अधिकार छीन लिया था.
हिंदू पक्ष ने अदालत में ये गुहार लगाई कि उन्हें व्यास तहखाने में पूजा-अर्चना का अधिकार वापस मिले. वाराणसी की जिला अदालत ने 31 जनवरी 2024 को प्रशासन को ये आदेश दे दिया कि “हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी स्थित व्यास तहखाने में पूजा की अनुमति दी जा रही है..वाराणसी के DM 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ के लिए जरूरी इंतजाम करें.”
अदालत के आदेश का पालन करने में वाराणसी प्रशासन को महज 8 घंटे लगे. दोपहर 3 बजे अदालत का आदेश आया था. उस आदेश के बाद काशी विश्वनाथ धाम परिसर में पुलिस-प्रशासन की हलचल तेज हो गई. अधिकारियों ने रात 8 बजे ज्ञानवापी तहखाने की बाहर से ही जांच-पड़ताल की. रात 9 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ कम होने के बाद 4 नंबर गेट से प्रशासन ने लोगों का प्रवेश बंद करा दिया. उसके बाद 9:30 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच विश्वनाथ मंदिर के पूर्वी गेट से ट्रस्ट के कर्मचारियों को बुलाकर बैरिकेडिंग हटाने का काम शुरू किया. लगभग एक घंटे में रात 10.30 बजे तक बैरिकेडिंग को हटा दिया गया.
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बैरिकेडिंग हटने पर ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने साफ-सफाई की. ट्रस्ट की ओर से तहखाने में पूजा की सामग्री लाई गई. साथ ही 5 पुजारी बुलाए गए और फिर गुरुवार की रात 11 बजे से ही पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान वहां DM और पुलिस कमिश्नर भी मौजूद रहे. दीप जलाकर गणेश-लक्ष्मी की आरती उतारी गई. तहखाने की दीवार पर बने त्रिशूल समेत अन्य धार्मिक चिन्हों को भी पूजा गया.
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आज काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में आरती का समय बताया गया है. यहां जानिए कि प्रतिदिन 5 आरती किस प्रकार होंगी—
आरती अब तक 2 बार हो चुकी है, अगली बार शाम 4 बजे होगी.
सोर्स- विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता, हिंदू पक्ष
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