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दिल्ली हिंसा मामले में देवांगना कलिता के खिलाफ केस डायरियों के संरक्षण पर हाईकोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली हाई कोर्ट ने फरवरी 2020 के दंगों के एक मामले में कार्यकर्ता देवांगना कलिता के खिलाफ जांच की केस डायरियों के संरक्षण पर पुलिस से जवाब मांगा.

दिल्ली हाई कोर्ट ने फरवरी 2020 के दंगों के एक मामले में कार्यकर्ता देवांगना कलिता के खिलाफ जांच की केस डायरियों के संरक्षण के मुद्दे पर पुलिस से जवाब मांगा है. जस्टिस विकास महाजन के समक्ष बहस करते हुए कलिता के वकील ने कहा कि रिकॉर्ड को संरक्षित करने का निर्देश देने वाले हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर अभियोजन एजेंसी को यह दिखाना चाहिए कि यह कैसे किया गया.

कोर्ट 31 जनवरी अगली सुनवाई करेगा. कलिता ने पिछले साल हाई कोर्ट का रुख किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने केस डायरी में पूर्ववर्ती बयान जोड़े, जो कानून में अस्वीकार्य है और दस्तावेज़ को पुनर्निर्माण और संरक्षित करने का निर्देश मांगा.

पिछले साल 2 दिसंबर को हाई कोर्ट ने एक आदेश पारित किया जिसमें वर्तमान मामले में शामिल केस डायरियों को प्रतिवादी द्वारा संरक्षित किया जाने का निर्देश दिया गया था. कलिता ने हाई कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें केस डायरी तलब करने से इनकार कर दिया गया था.

पुलिस ने इस अनुरोध का इस आधार पर विरोध किया था कि इससे मामले में और देरी होगी. ट्रायल कोर्ट ने कहा कि वह उसके आरोपों की सत्यता और सच्चाई की जांच नहीं कर सकता, जिससे जांच एजेंसी के बयान पर संदेह पैदा होता है और उसे उचित समय पर इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 53 लोग मारे गए और लगभग 700 लोग घायल हुए.

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-भारत एक्सप्रेस 



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