
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही आपराधिक अवमानना के मामले में एक वकील को आरोप मुक्त कर दिया है. साथ भी कोर्ट ने उन्हें भविष्य में आक्रमक व्यवहार न करने को कहा है. जस्टिस प्रतिबा मनिंदर सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की पीठ ने इस मामले में सहानुभूति पूर्वक विचार किया और वकील की माफी स्वीकार कर ली. उस वकील के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट के पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने पिछले साल अक्टूबर में शिकायत किया था. उस शिकायत के आधार पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई थी.
हाई कोर्ट ने वकील से नोटिस जारी कर मांगा था जवाब
वकील के खिलाफ आरोप था कि उसने वैवाहिक मामले में कार्यवाही के दौरान पारिवारिक न्यायालय के साथ दुर्व्यवहार किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर 2024 को वकील को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. वकील ने फिर 22 जनवरी को बिना शर्त माफी मांग ली. उन्होंने कहा कि वह एक आवेदन पर फैसला करने की बात कही थी.
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वकील एक गंभीर बीमारी से है पीड़ित
कोर्ट को बताया गया कि वकील एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है और वह उसका ईलाज करा रहा है. वकील ने भी कहा कि उसे कभी भी इस तरह के अवमानना का सामना नहीं करना पड़ा है. उसने अदालत के साथ हमेशा अच्छा व्यवहार किया है. कोर्ट ने इन सब पर विचार करने के बाद कहा कि इस मामले में सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण रखती है और प्रतिवादी की माफी स्वीकार करती है. प्रतिवादी एक वकील है. वह भविष्य में यह सुनिश्चित करेगा कि वह अदालत में इस तरह के किसी भी आक्रामक व्यवहार में शामिल न हो. यही कहते हुए आपराधिक अवमानना की कार्यवाही को बंद कर दिया.
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