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पंजाब के प्रमुख शहरों को लाभ पहुंचाने के लिए नए एक्सप्रेसवे का निर्माण

इस एक्सप्रेसवे में गुजरात वाला हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है. राजस्थान वाला 440 किलोमीटर का स्ट्रेच भी बनकर तैयार है. मार्च में इसे यातायात के लिए खोलने की उम्मीद है. 4 राज्यों को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे उद्योगों में नई जान फूंक सकता है.

4 राज्यों को जोड़ने वाले देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है. सबकुछ तय समय पर हुआ तो इसी साल सितंबर में यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह खुल जाएगा. अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग होगा. यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक और कृषि केंद्रों को कांडला और जामनगर में पश्चिम भारत के बंदरगाहों से जोड़ेगा. यह ग्रीनफील्ड परियोजना 4 राज्यों के आर्थिक शहरों के साथ-साथ तीन रिफाइनरियों को जोड़ेगी. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सितंबर 2023 तक यह एक्सप्रेसवे खुल जाएगा.

1224 किलोमीटर लंबे अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर का निर्माण तय कार्यक्रम के मुताबिक चल रहा है. एक बार पूरा हो जाने पर यह एक्सप्रेसवे भटिंडा, लुधियाना और बद्दी जैसे औद्योगिक शहरों के लिए प्रोत्साहन होगा. इस एक्सप्रेसवे का मुख्य मकसद ही उद्योगों और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है. यह अमृतसर, भठिंडा, सनारिया, बीकानेर, सांचौर, समाखियाली और जामनगर के आर्थिक केंद्रों से होकर गुजरेगा.

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आधा कर देगा ट्रैवल टाइम

इस एक्सप्रेसवे के कारण अमृतसर-जामनगर के बीच सफर में लगने वाला समय आधा हो जाएगा. अभी इनके बीच 1430 किलोमीटर की दूरी है जिसे तय करने में 26 घंटे का समय लगता है. इस एक्सप्रेसवे से दूरी घटकर 1224 किलोमीटर के करीब और समय 13 घंटे हो जाएगा. एक्सप्रेसवे से यात्रा के समय और ईंधन की लागत में काफी कमी आएगी. इससे माल ढुलाई में होने वाले खर्च में काफी आने की उम्मीद है. एक्सप्रेसवे का करीब 50 फीसदी हिस्सा राजस्थान में होगा.

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