
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो).
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह चिकित्सीय रूप से अक्षम लोगों को कार्यालय आने के लिए कहे बिना उनके पासपोर्ट संबंधी अनुरोध पर कार्रवाई करने की संभावना पर विचार करे. मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने गृह मंत्रालय से पूछा कि यदि रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं जा सकने वाले किसी व्यक्ति की वसीयत घर पर ही पंजीकृत की जा सकती है तो पासपोर्ट आवेदनों पर भी इसी तरह से कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकती है.
पीठ ने इस मामले में गृह एवं विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है. कोर्ट 16 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने केंद्र के अधिवक्ता से कहा कि यह बहुत आसानी से किया जा सकता है. आप इस पहलू की जांच करें. कोर्ट ने यह बात चिकित्सीय रूप से अक्षम व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही जो पासपोर्ट अनुरोध की प्रक्रिया के लिए पासपोर्ट कार्यालय नहीं जा सका था. उसके अधिवक्ता ने कहा कि उसके मुवक्किल का पासपोर्ट आवेदन खारिज कर दिया गया और संबंधित अधिकारियों ने उसे व्यक्तिगत रूप से कार्यालय बुलाया. जबकि यह उसके लिए संभव नहीं था.
-भारत एक्सप्रेस
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