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By Uma Sharma
I.N.D.I.A. Alliance Meeting: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली NDA सरकार को सत्ता से बाहर करने के मकसद से बनाए गए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की 31 अगस्त को मुंबई में बैठक होने जा रही है. इस बैठक की अगुवाई कांग्रेस पार्टी करेगी, जो भाजपा के विरोधी दलों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेसियों को लगता है कि भाजपा विरोधियों को एकजुट कर चुनाव जीत सकते हैं और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बना सकते हैं.
हालांकि, इस गठबंधन में अब तक पीएम पद के दावेदार के तौर पर तीन नाम सामने आए हैं. सबसे पहले आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विपक्ष का पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठी. फिर इसके कुछ ही घंटों बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे को भी पीएम पद का दावेदार बनाए जाने की मांगें उठने लगी.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि हमारी पार्टी पीएम पद के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल नहीं हुई है. हम बेहतर भारत के ब्लूप्रिंट और बेरोजगारी, महंगाई की बेड़ियों से देश को आजाद कराने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल हुए हैं. हालांकि, राघव चड्ढा से अलग कई अन्य नेताओं ने अरविंद केजरीवाल का नाम लिया और कहा कि केजरीवाल को पीएम उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
सपा की महिला नेता जूही सिंह ने कहा, ”हम चाहते हैं कि अखिलेश यादव विपक्षी गठबंधन की ओर से पीएम उम्मीदवारों के चेहरों में से एक हों.” जूही ने कहा कि अखिलेश यादव पीएम पद का चेहरा हों, सपा का हर कार्यकर्ता क्यों नहीं चाहेगा कि उनके नेता प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे? अखिलेश के अदंर यह काबिलियत भी है. वह किसी न किसी दिन इस पद तक जरूर पहुंचेंगे. हालांकि, गठबंधन सामूहिक तौर पर इस पर फैसला लेगा. बकौल जूही, ”हर दल कह रहा है कि उनका नेता पीएम बने. इसी तरह समाजवादी पार्टी भी चाहेगी कि अखिलेश भी पीएम उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन I.N.D.I.A. गठबंधन तानाशाही नहीं है, हम मिलकर तय करेंगे.”
अखिलेश की तरह महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) में उद्धव ठाकरे का नाम पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में लिया जाने लगा. शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अगर कोई मुझसे पूछेगा तो मैं कहूंगी कि उद्धव ठाकरे को I.N.D.I.A. गठबंधन की ओर से पीएम पद के उम्मीदवारों में से एक होना चाहिए. प्रियंका बोलीं, ”एक तरफ भाजपा है, जो डर में सिर्फ एक ही नाम ले सकती है. अगर गलती से मोदी के सामने नितिन गडकरी का नाम आ गया तो उनका करियर खत्म हो जाएगा.”
शिवसेना की नेता ने कहा, ”भाजपा के दूसरी तरफ हम हैं, इस बैठक में 6 मुख्यमंत्री एक साथ आ रहे हैं. विपक्षी दलों के नेता एकजुट हो रहे हैं. हमने जनता के बीच में काम किया है और लोगों का समर्थन हमारे साथ है. हमारे पास ऐसा नेतृत्व है, जहां लोग सार्वजनिक तौर पर नाम ले सकते हैं.”
— भारत एक्सप्रेस
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