Bharat Express

मिस्टर मुर्तजा…आपकी ओर से लगातार आतंक फैलाया जा रहा, इसलिए सिंधु जल संधि तत्काल निलंबित— भारत की PAK को दो टूक, देखें पूरा पत्र

India Response to Pakistan: भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से भेजे गए पत्र में कहा गया कि पाकिस्तान की ओर से निरंतर सीमा पार आतंकवाद की साजिशें हो रही हैं. जिसके चलते जल संधि रोकने का निर्णय लिया गया है.

Indus Waters Treaty with Pakistan

Indus Waters Treaty Pakistan News: भारत सरकार ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है. यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया भीषण आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसके गुनहगार पाकिस्तान से आए थे.

देश में व्‍याप्‍त गम और गुस्‍से के बीच आज ही भारतीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव देबश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा को इस संबंध में औपचारिक पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पार लगातार आतंकवाद भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर चुनौती बन गया है.

‘सद्भावना’ और ‘भरोसे’ के साथ होना चाहिए संधियों का पालन

पत्र में साफ लिखा गया है कि संधियों का पालन ‘सद्भावना’ और ‘भरोसे’ के साथ होना चाहिए. लेकिन पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों को इस भरोसे का उल्लंघन बताया गया है. इससे भारत को संधि के तहत मिले जल उपयोग के अधिकारों का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है.

Indus Waters Treaty Pakistan letter

भारत की ओर से यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान ने भारत द्वारा प्रस्तावित वार्ता को नकार दिया, जो कि संधि के तहत अपेक्षित था. इस आधार पर भारत ने संधि को ‘अस्थायी रूप से निलंबित’ करने का निर्णय लिया है.

संधि: बदलाव की मांग और वर्तमान स्थिति

भारत ने इससे पहले भी संधि के विभिन्न अनुच्छेदों और परिशिष्टों के तहत बदलाव की मांग की थी. भारत के अनुसार, 1960 में जब यह संधि बनी थी, तब के भौगोलिक, जनसंख्यकीय और पर्यावरणीय हालात आज के मुकाबले बेहद अलग थे. अब भारत को स्वच्छ ऊर्जा के विकास और जल संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग के लिए अपने अधिकारों का पूरा लाभ लेना जरूरी है.

अगली रणनीति पर मंत्रणा करेंगे गृह मंत्री

गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसमें जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे. इस बैठक में संधि के निलंबन के बाद उठाए जाने वाले आगामी कदमों और पाकिस्तान की संभावित प्रतिक्रिया पर चर्चा की जाएगी.

सिंधु जल संधि एशिया की सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय जल संधियों में से एक मानी जाती रही है. लेकिन बदलते भू-राजनीतिक हालात और सुरक्षा चिंताओं ने इसके भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. भारत द्वारा इसे निलंबित करना न केवल एक रणनीतिक संकेत है, बल्कि पाकिस्तान को कूटनीतिक दबाव में लाने का एक प्रयास भी है.

यह भी पढ़िए: भारत के कड़े फैसलों से बौखलाया पाक, शिमला समझौता सस्पेंड किया; कहा- ‘सिंधु जल रोकना जंग जैसा’



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read