इंडिया की वेस्टर्न कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल पीएम सिन्हा ने 27 जुलाई को अवंतीपोरा एयरबेस का दौरा किया. तेजस के साथ उनकी यह तस्वीर वेस्टर्न कमांड के ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है.
Indian Air Force Tejas Jets: भारत के पहले स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान ‘तेजस’ को भारतीय वायु सेना (IAF) में शामिल किया जा चुका है. भारतीय वायुसेना ने 123 ‘तेजस’ मांगे थे, जिनमें से अब तक उसे 31 मिल चुके हैं. ये सभी ‘तेजस’ मार्क-1 हैं. अब इनमें से कई लड़ाकू विमानों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया है. जहां वायुसेना के पायलट ‘तेजस’ की उड़ान की प्रैक्टिस कर रहे हैं. चूंकि, जम्मू-कश्मीर भारत के पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में वहां तेजस की तैनाती आवश्यक थी.
वायुसेना के एक बयान में आज कहा गया कि देश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस MK-1 को जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा एयरबेस पर तैनात किया गया है. सेना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अपने विमानों को पहले भी ले जाती रहती है ताकि, उन्हें हिमालय की घाटियों में उड़ान भरने का एक्सपीरियंस मिलता रहे. वेस्टर्न कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल पीएम सिन्हा ने 27 जुलाई को अवंतीपोरा एयरबेस का दौरा किया. तेजस के साथ उनकी एक तस्वीर वेस्टर्न कमांड के ट्विटर हैंडल से शेयर की गई थी.
भारत का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है तेजस MK-1
तेजस MK-1 मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जो वायुसेना को कश्मीर के जंगल और पहाड़ी इलाकों में और मजबूत करेगा. बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना के पास मौजूदा वक्त में 31 तेजस विमान हैं. वायु सेना ने पहले ही अपने दो स्क्वाड्रनों को इनीशियल और फाइनल ऑपरेशन की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा वायुसेना ने 83 मार्क1A के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. माना जा रहा है कि ये सभी 83 विमान एक या दो साल में सेना को मिल जाएंगे.
M2 और AMCA पर भी है वायुसेना की नजर
भारतीय वायु सेना तेजस की कैपेबिलटीज बढ़ाना चाहती है. साथ ही उसकी नजर DRDO में डेवलप किए जा रहे LCA मार्क-2 और एडवांस्टड मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट AMCA पर भी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये लड़ाकू विमान पहले से ही पाकिस्तानी और चीनी JF-17 फाइटर जेट की तुलना में ज्यादा ताकतवर हैं.
— भारत एक्सप्रेस
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