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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि, CM उमर ने सबका नाम पढ़ा; बोले- क्या जवाब दूं उस विधवा को…मेरे पास लफ्ज नहीं हैं

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम आतंकी हमले पर भावुक हुए CM उमर, हर मृतक का नाम लिया, कहा- इस हमले ने हमें भीतर से झकझोर दिया है. ये हमला पूरे हिंदुस्तान पर हुआ है.

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला भावुक: पहलगाम हमले के हर पीड़ित का नाम पढ़ा, कहा- ये पूरे देश पर हमला है

Vijay Ram Edited by Vijay Ram

J&K Assembly Special Session: जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विशेष सत्र बुलाया गया, जहां मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हर उस नागरिक का नाम पढ़ा, जिसने इस भीषण हमले में जान गंवाई. उमर ने कहा, “इस सदन में हम कुछ दिन पहले बजट पर बहस कर रहे थे, किसे पता था कि हम फिर इस माहौल में मिलेंगे.” उनका भाषण बेहद भावुक था, जिसमें उन्होंने न केवल शोक व्यक्त किया बल्कि पीड़ित परिवारों की पीड़ा को साझा किया.

“क्या जवाब दूं उस विधवा को?” – उमर अब्दुल्ला

मुख्यमंत्री ने कहा, “क्या जवाब दूं उस नेवी अफसर की विधवा को, जिसकी शादी को कुछ ही दिन हुए थे? उस छोटे बच्चे को जिसने अपने पिता को खून में लथपथ देखा?” उनके इन शब्दों ने सदन में मौजूद हर सदस्य की आंखें नम कर दीं. उन्होंने कहा कि इस घटना ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को अंदर से झकझोर दिया है.

“26 साल में पहली बार इतना जन समर्थन देखा”

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 26 सालों में पहली बार उन्होंने जम्मू से लेकर श्रीनगर तक के आम नागरिकों को खुलकर विरोध में सामने आते देखा है. “Not in My Name” जैसे संदेशों के साथ लोग सड़कों पर उतरे, यह साबित करता है कि कश्मीरी आतंकी हमलों के खिलाफ हैं.

“ये विधानसभा अच्‍छे से समझती है इस दर्द को”

सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, “न संसद और न ही किसी अन्य राज्य की विधानसभा, पहलगाम के 26 पीड़ितों के दर्द को उतना नहीं समझ सकती जितना हम – जिन्होंने अपने करीबी खोए हैं.” उन्होंने 2001 के श्रीनगर हमले की याद दिलाई, जब 40 लोग मारे गए थे.

“आज मेरे पास माफी मांगने के लिए लफ्ज नहीं”

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो पर्यटकों से माफी मांगना चाहते हैं, लेकिन उनके पास शब्द नहीं हैं. उन्‍होंने कहा- “मैंने उन्हें कश्मीर बुलाया, और हम उनकी सुरक्षा नहीं कर सके. ये हमारी असफलता है.”

“लोग हमारे साथ हैं, हम आतंक से लड़ सकते हैं”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंक से लड़ने के लिए सरकार को जनता का साथ चाहिए और इस बार जनता ने साथ दिया है. मस्जिदों में मृतकों के लिए मौन रखा गया, फूड स्टॉल वालों ने पर्यटकों को मुफ्त में खाना खिलाया, और आदिल जैसे स्थानीय युवाओं ने जान पर खेलकर दूसरों की जान बचाई.

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