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Lucknow: खुद को CM योगी का OSD बताकर प्रमुख सचिव को फोन पर दी धमकी, शिक्षकों का तबादला करने का बनाया दबाव, दो गिरफ्तार

गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने पुलिस पूछताछ में खुद को राजनैतिक दल से जुड़ा होने का दावा किया है तो वहीं दूसरे ने खुद को छात्र बताया है. पुलिस दोनों के मोबाइल फोन खंगाल रही है.

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

Lucknow: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बताकर एक प्रमुख सचिव को फोन कर धमकी देने वाले दो शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी शिक्षकों का तबादला करने का दबाव बना रहे थे और इसी को लेकर उनको धमकी दे रहे थे. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में एक छात्र है तो दूसरा एक राजनैतिक पार्टी से सम्बंध रखता है. फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है.

पूरे प्रकरण को लेकर गौतमपल्ली इंस्पेक्टर रिकेश कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि, एक दिसंबर को सीएम के ओएसडी संजीव सिंह ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि प्रमुख सचिव प्राथमिक शिक्षा को अनजान शख्स ने फोन कर खुद को ओएसडी संजीव सिंह बताया था और दो शिक्षकों के तबादले करने का निर्देश दिया था. इस पर प्रमुख सचिव को शक हुआ, तो उन्होंने उससे जवाब-सवाल करने शुरू किए तो आरोपी उनको धमकी देने लगे. इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि, रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की और रविवार को देवरिया के खुखुन्दु निवासी वेद प्रकाश मिश्रा और संदीप सिंह को गिरफ्तार किया. इंस्पेक्टर ने बताया कि संदीप ने पूछताछ में खुद को एक राजनैतिक दल से जुड़ा होने का दावा किया है जबकि वेद छात्र है. फिलहाल दोनों आरोपी को रविवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है.

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आरोपियों की खंगाली जा रही है कॉल डिटेल

फिलहाल पुलिस आरोपियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल आदि खंगाल रही है और आगे की जांच में जुट गई है. इसी के साथ पुलिस को आशंका है कि इस तरह का खेल पहले भी आरोपियों ने कहीं न किया हो औऱ ठगी को अंजाम दिया हो. इस पर जांच की जा रही है. इंस्पेक्टर ने बताया कि, जांच पूरी होने पर पूरे तथ्य सामने आएंगे.

एक डिग्री के लिए भी बनाया था दबाव

इंस्पेक्टर ने पत्रकारों को बताया कि, पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने मिर्जापुर के संस्तुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की निदेशक डॉ. रितु गर्ग को भी फोन किया था और किसी की डिग्री देने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन निदेशक ने आरोपियों की बात मानने से इंकार कर दिया था. इस पर दोनों ने उनके साथ ही गलत बर्ताव किया था.

-भारत एक्सप्रेस

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