फाइल फोटो-सोशल मीडिया
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित भारत सेवाश्रम संघ से जुड़े संत कार्तिक महाराज ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कानूनी नोटिस भेजा है. बनर्जी ने हाल ही में एक जनसभा में कार्तिक महाराज का नाम लेते हुए उन पर लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए काम करने और मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया था.
सीएम बनर्जी को भेजे कानूनी नोटिस में महाराज ने दावा किया है कि उनके आरोप निराधार, झूठे और अपमानजनक हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से चार दिन के भीतर जवाब मांगा है अन्यथा कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है.
कार्तिक महाराज ने आरोप लगाया
कार्तिक महाराज ने मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री को कानूनी नोटिस भेजे जाने की पुष्टि की और आरोप लगाया है कि पोलिंग बूथ से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भगाने की बात मैंने कभी नहीं कही है. मैं एक संन्यासी हूं. मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं. मुख्यमंत्री अपने आरोप कभी साबित नहीं कर सकेंगी.
ममता बनर्जी ने क्या कहा था
18 मई (शनिवार) को पश्चिम बंगाल के आरामबाग लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत गोघाट में एक रैली में ममता बनर्जी ने न सिर्फ बीजेपी बल्कि साधु-संतों के एक वर्ग पर भी निशाना साधा था.
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समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने उनकी आलोचना करते हुए कहा था, “बेहरामपुर में एक ‘महाराज’ हैं – कार्तिक महाराज. वे कहते हैं कि वह पोल बूथ में किसी भी टीएमसी एजेंट को अनुमति नहीं देंगे. मैं उन्हें संत नहीं मानती, क्योंकि वह सीधे तौर पर राजनीति में शामिल हैं और देश को बर्बाद कर रहे हैं. हालांकि, मैं भारत सेवाश्रम संघ का बहुत सम्मान करती थी. यह लंबे समय से मेरी सम्मानित संस्थाओं की सूची में है.”
ममता बनर्जी ने दी सफाई
सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ की उनके परोपकारी कार्यों के लिए प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने राजनीति में शामिल होने के लिए कुछ लोगों की आलोचना की.
मुख्यमंत्री ने लोगों के लिए किए गए काम को देखते हुए भारत सेवाश्रम संघ की भी प्रशंसा करते हुए कहा, मैंने कार्तिक महाराज के बारे में बात की थी, उन्होंने रेजीनगर में (एक मतदान केंद्र पर) तृणमूल कांग्रेस के एजेंट को बैठने की अनुमति नहीं दी थी.
बनर्जी ने दावा किया था कि मुर्शिदाबाद जिले में भारत सेवाश्रम संघ का एक संत भाजपा के लिए काम कर रहे थे. उन्होंने उन पर रेजीनगर में दो समूहों के बीच झड़प के दौरान लोगों को भड़काने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, ‘अगर वह बीजेपी का समर्थन करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यह खुलेआम करना चाहिए.’
-भारत एक्सप्रेस