Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में प्रशासन द्वारा मलारी इन होटल को ध्वस्त किया जाएगा. उपर्युक्त भूमि धंसने के कारण आस-पास की इमारतों और संरचनाओं में दरारें पड़ गई हैं. स्थानीय लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध के बीच वहां होटल को गिराने का काम किया जा रहा है. वहां दो होटल एक दूसरे की तरफ झुक रहे हैं, जिनसे दूसरे इमारतों को भी खतरा हो सकता है. इसको देखते हुए सबसे पहले उनको गिराया जाएगा.
मलारी इन होटल सात मंजिल है. यहां SDRF और NDRF के लोग पहुंच गए हैं. इसके अलावा स्थानीय पुलिस भी वहां मौजूद है. होटल का सबसे ऊपर का हिस्सा पहले तोड़ा जाएगा. इसके लिए मजदूर टायर लेकर पहुंचे हैं. इन टायरों पर मलबा गिराया जाएगा ताकि मलबा गिरने पर कोई कंपन ना हो.
उत्तराखंड: जोशीमठ में प्रशासन द्वारा मलारी इन होटल को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। SDRF, NDRF और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद हैं। उपर्युक्त भूमि धंसने के कारण आस-पास की इमारतों और संरचनाओं में दरारें पड़ गई हैं। pic.twitter.com/v5GnbGCsZs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2023
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि आपदा राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ की आठ टीमें जोशीमठ में तैनात हैं. बिजली के तारों और खंभों की सुरक्षा के लिए 2.14 करोड़ रुपये जारी किए गए. एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात हैं, एक टीम रास्ते में है. उन्होंने कहा कि 169 परिवारों के 589 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. अब तक 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5000 रुपये प्रति परिवार की सहायता राशि दी गई है. SDRF प्रावधानों के अनुसार 10 परिवारों को 1,30,000 रुपये प्रति परिवार प्रदान किए गए.
169 परिवारों के 589 लोगों को स्थानांतरित किया गया है। अब तक 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5000 रुपये प्रति परिवार की सहायता राशि दी गई है। SDRF प्रावधानों के अनुसार 10 परिवारों को 1,30,000 रुपये प्रति परिवार प्रदान किए गए: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव#JoshimathSubsidence pic.twitter.com/qyOSPkAVkL
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इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जोशीमठ का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि इन परिवारों को राहत दिलाना सरकार की प्राथमिकता है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के जोशीमठ और कर्णप्रयाग में कई घरों दरारे आने से वहां के लोगों के में दहशत का माहौल है. प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया जा रहा है. राहत और बचाव कार्य में राज्य के साथ ही केंद्र सरकार भी लगातार जुटी है. यहां तक कि सुरक्षाबलों के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है और स्थानीय लोगों की मदद कर रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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