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दिल्ली हाईकोर्ट खाने के बिल पर सेवा शुल्क वसूली के खिलाफ याचिका पर 23 मई को करेगा सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट 23 मई को सेवा शुल्क (सर्विस टैक्स) वसूली के खिलाफ रेस्तरां और होटलों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने ग्राहकों से जबरन सेवा शुल्क वसूली पर रोक लगाई थी.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने खाने के बिल पर किसी रेस्तरां या होटल को ग्राहकों से सेवा शुल्क (सर्विस टैक्स) वसूलने के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 23 मई को सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और तुषार राव गेडेला की बेंच मामले में सुनवाई कर रही हैं.

सिंगल बेंच ने अपने आदेश को नेशनल रेस्टोरेंटस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के चुनौती दी है और सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है. सिंगल बेंच ने 28 मार्च को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली होटलों एवं रेस्तरांओं की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भोजन के बिल पर ग्राहकों से सेवा शुल्क जबरन नहीं वसूला जाएगा. यह राशि ग्राहकों की ओर से स्वैच्छिक रूप से दिया जाना है और इसे रेस्तरां या होटल अनिवार्य नहीं बना सकते. सीसीपीए ने वर्ष 2022 में होटलों एवं रेस्तरांओं को भोजन बिल पर अनिवार्य रूप से सेवा लगाने से रोक दिया था.

सिंगल बेंच ने उसके दिशा-निर्देश को बरकरार रखा था और याचिकाकर्ताओं पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए कहा था कि इसे उपभोक्ता कल्याण के लिए सीसीपीए में जमा कराया जाए. साथ ही कहा था कि रेस्तरां भोजन के बिल पर अनिवार्य रूप से सेवा शुल्क नहीं लगा सकते, क्योंकि यह जनहित के खिलाफ है. यह अनुचित व्यापार व्यवहार के समान भी है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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