वायु प्रदूषण की एक तस्वीर.
दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण में मामले में राष्ट्रीय हरित क्रांति (NGT) ने स्वतः संज्ञान लिया है. एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही एनजीटी ने गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
एनजीटी 23 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ रिपोर्ट में PM 2.5 प्रदूषकों (2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले बारीक कण) के प्रति बच्चों और बुजुर्गों की विशेष संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कहा गया है कि वायु प्रदूषण हार्मोनल व्यवधान पैदा करके प्रजनन दर को प्रभावित कर सकता है.
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एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आईआईटी-दिल्ली द्वारा किए गए एक अध्ययन के हवाले से बताया गया है कि पूर्वी दिल्ली की हवा में सीसा, कैडमियम और निकल जैसी भारी धातुओं के खतरनाक स्तर का पता चला है, जो श्वसन और ह्रदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते है.
-भारत एक्सप्रेस
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