अटल सेतु
पीएम मोदी आज मुंबई वासियों को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. पीएम आज अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु पर विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला का अनावरण करेंगे, जो शहर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना है. इस पुल की लंबाई 22 किलोमीटर बताई जा रही है. इसके चालू होने से मुंबई से नवी मुंबई की दूरी तय करने में महज 20 मिनट लगेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार को करीब 17,840 करोड़ रुपये की लागत से बने अटल सेतु का उद्घाटन करेंगे. बता दें कि देश के सबसे लंबे समुद्री पुल की आधारशिला पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में रखी थी.
एफिल टॉवर और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से क्यों है खास
अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए – एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त, संजय मुखर्जी ने कल गुरुवार को कहा कि इस स्टील से बने पुल के निर्माण में पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर की तुलना में 17 गुना अधिक लागत आई है.
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के कमिश्नर ने कहा, “इस पुल के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया गया स्टील एफिल टॉवर की तुलना में 17 गुना अधिक है. पुल में इस्तेमाल किया गया संरचनात्मक स्टील हावड़ा ब्रिज का चार गुना है. वहीं इस प्रमुख समुद्री लिंक के निर्माण में इस्तेमाल किया गया कंक्रीट स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (अमेरिका में) से छह गुना अधिक है.”
देश के सबसे लंबे समुद्री पुल की कई नए जमाने की विशेषताओं और इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई सभी तकनीक पर मुखर्जी ने कहा, “यह पुल नवीनतम तकनीक और कई नए जमाने की सुविधाओं से लैस है, जिसमें ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक भी शामिल हैं जो इसके विशाल विस्तार में मदद करते हैं.”
समुद्री जीवन की सुरक्षा का रखा गया है ध्यान
समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए ध्वनि और कंपन को कम करने के लिए नदी परिसंचरण रिंगों का भी उपयोग किया गया है. इस पुल में उपयोग की जाने वाली रोशनी भी इसके आसपास के जलीय वातावरण को बाधित या परेशान नहीं करेगी. एमएमआरडीए मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर ने कहा, “इस पुल की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक इसकी पर्यावरणीय स्थिरता है. पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी ने भी सराहना का प्रमाण पत्र दिया है.”
यातायात समस्याओं से मिलेगी निजात
यह दावा करते हुए कि मुंबई का सबसे नया समुद्री पुल शहर की साल भर चलने वाली यातायात समस्याओं को हल करने में काफी मदद करेगा. मुखर्जी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, “इस पुल में सबसे उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली स्थापित की गई है. यह कोहरे, कम दृश्यता और निर्धारित गति से अधिक चलने वाले वाहनों का पता लगा सकता है.”
मोटरसाइकिल, ऑटोरिक्शा और ट्रैक्टरों को अनुमति नहीं
मुखर्जी ने कहा कि मोटरसाइकिल, ऑटोरिक्शा और ट्रैक्टरों को पुल पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा निर्धारित की गई है.लगभग 21.8 किलोमीटर लंबे अटल सेतु में छह लेन हैं, प्रत्येक की लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किलोमीटर और जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर है. यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, साथ ही मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत तक यात्रा के समय को भी कम करेगा. इससे मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा.
2,700 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का अनावरण
अपनी मुंबई यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ईस्टर्न फ्रीवे के ऑरेंज गेट को जोड़ने वाली भूमिगत सड़क सुरंग की आधारशिला भी रखेंगे और राज्य में नमो महिला सशक्तीकरण अभियान की शुरुआत करेंगे. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को मजबूत करके नागरिकों की ‘आवाजाही में आसानी’ में सुधार करना है. नवी मुंबई में प्रधानमंत्री सार्वजनिक कार्यक्रम में 12,700 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का अनावरण करेंगे.
पीएम रखेंगे भूमिगत सड़क सुरंग की आधारशिला
प्रधानमंत्री ईस्टर्न फ्रीवे के ऑरेंज गेट को मरीन ड्राइव से जोड़ने वाली भूमिगत सड़क सुरंग की आधारशिला रखेंगे. 9.2 किलोमीटर लंबी सुरंग 8700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी और यह मुंबई में एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास होगा जो ऑरेंज गेट और मरीन ड्राइव के बीच यात्रा के समय को कम कर देगा.
पीएम पेयजल परियोजना करेंगे राष्ट्र को समर्पित
पीएम मोदी सूर्या क्षेत्रीय थोक पेयजल परियोजना के चरण 1 को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. 1,975 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह परियोजना महाराष्ट्र के पालघर और ठाणे जिले को पेयजल आपूर्ति प्रदान करेगी, जिससे लगभग 14 लाख आबादी को लाभ होगा.
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कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री करीब 2000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन- स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEEPZ SEZ) में रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए ‘भारत रत्नम’ (मेगा कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर) का उद्घाटन करेंगे, जो “सर्वोत्तम उपलब्ध मशीनों” 3डी मेटल प्रिंटिंग सहित दुनिया के साथ भारत में अपनी तरह का पहला केंद्र है. इसमें विशेष रूप से विकलांग छात्रों सहित इस क्षेत्र के कार्यबल के कौशल के लिए एक प्रशिक्षण स्कूल होगा. मेगा सीएफसी रत्न और आभूषण व्यापार में निर्यात क्षेत्र को बदल देगा और घरेलू विनिर्माण में भी मदद करेगा.
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