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बिहार में जातीय जनगणना पर सियासत गरमाई, सुशील मोदी बोले- ये फैसला एनडीए सरकार ने किया था, महागठबंधन इसका श्रेय न ले

Sushil Modi: मोदी ने शनिवार को कहा कि बीजेपी ने विधानसभा और विधान परिषद में जातीय जनगणना का समर्थन किया. हमारी पार्टी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल थी. ये सारी बातें ऑन रिकार्ड हैं.

Sushil Modi

बिहार पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (फोटो IANS)

Sushil Modi: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बीजेपी हमेशा जातीय जनगणना के पक्ष में रही और पिछले साल 2 जून को बिहार में जातीय जनगणना कराने का कैबिनेट का फैसला भी उस सरकार का था, जिसमें दो उपमुख्यमंत्री बीजेपी के थे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन को इसका श्रेय लूटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.

मोदी ने शनिवार को कहा कि बीजेपी ने विधानसभा और विधान परिषद में जातीय जनगणना का समर्थन किया. हमारी पार्टी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल थी. ये सारी बातें ऑन रिकार्ड हैं.

जातीय जनगणना कराने का फैसला NDA ने लिया

सुशील कुमार मोदी कहा कि जातीय जनगणना कराने का फैसला जिस एनडीए सरकार ने किया, उसमें तेजस्वी प्रसाद यादव उपमुख्यमंत्री नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि साल 2011 में जब सामाजिक, आर्थिक और जातीय आधार पर जनगणना कराने पर संसद में चर्चा हुई, तब भी बीजेपी ने इस मांग का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना के बाद बिहार तीसरा राज्य है, जहां बीजेपी के समर्थन से जातीय जनगणना शुरू हो रही है.

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जातीय जनगणना में देरी क्यों ?

मोदी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से सवाल करते हुए कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि जब जातीय जनगणना शुरू कराने का फैसला जून 2022 में हुआ था, तब यह काम सात महीने देर से जनवरी 2023 में क्यों शुरू कराया जा रहा है ? श्रेय लेने वालों को इसका जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में अति पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए गठित विशेष आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजानिक नहीं की गई. क्या सरकार गारंटी देगी कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजानिक की जाएगी ?

सुशील मोदी ने यह भी कहा कि जातीय जनगणना में लोगों से क्या-क्या सवाल पूछे जाएंगें और गणना की प्रकिया क्या होगी, इसकी जानकारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को देने के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.

बता दें कि तेजस्वी यादव और बिहार के मुख्यमंत्री ​नीतीश कुमार पिछले साल 2022 में पीएम नरेंद्र मोदी से भी जातीय जनगणना कराने के संबंध में मिले थे. हालांकि, तब नीतीश कुमार बीजेपी के एनडीए गठबंधन में थे और बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रहे थे.

– भारते एक्सप्रेस

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