सुप्रीम कोर्ट.
उत्तर प्रदेश के जियामऊ विधानसभा सीट से विधायक और कथित आरोपी अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने लखनऊ में अब्बास अंसारी की जमीन पर पीएम आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाने की उत्तर प्रदेश सरकार की योजना पर यथावस्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले आने तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कंस्ट्रक्शन के काम पर लगाई रोक
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को मामले को उचित बेंच के पास जल्द सूचिबद्ध किया जाए. कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद कंस्ट्रक्शन का काम शुरू कर दिया गया है. ऐसे में जब तक हाई कोर्ट मामले में फैसला नहीं दे देता है तब तक कंस्ट्रक्शन का काम नहीं होगा. यथास्थिति बरकरार रहेगा.
2020 में गिराया गया था बंगला
बता दें, साल 2020 में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अब्बास अंसारी अन्य बंगले को बुलडोजर से गिरा दिया गया था. सरकार की योजना उस जमीन पर पीएम आवास योजना के तहत फ्लैट बनाने की है. मामले की सुनवाई के दौरान अब्बास अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में बार-बार सूचिबद्ध किया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश पारित नही किया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट से जताई नाराजगी
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ हाई कोर्ट ऐसे है, जहां यह पता नहीं हो रहा है कि वहां क्या हो रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट उनमें से एक है, जो चिंताजनक है. अब्बास अंसारी को इसे पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कोर्ट सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है. ईडी ने अब्बास अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया पैसे के लेनदेन का संबंध साबित होता है और धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अदालत इस बात से संतुष्ट नही है कि अभियुक्त इस मामले में निर्दोष है.
अब्बास अंसारी पर ये हैं आरोप
दरअसल, अब्बास अंसारी पर आरोप है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म मनी लॉन्ड्रिंग में सीधे तौर पर शामिल है, उक्त फर्म ने जमीनों पर कब्जा कर गोदामों को एफसीआई को किराए पर देकर 15 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की. कंपनी पर नाबार्ड से सवा दो करोड़ रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त करने का आरोप है. कंस्ट्रक्शन कंपनी में ज्यादातर हिस्सेदारी अभियुक्त की माँ अफशां अंसारी है था विकास कंस्ट्रक्शन सीधे तौर पर मेसर्स आगाज से संबंधित है. जो अभियुक्त के नाना की कंपनी है.
ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने 25 साल बाद 14 साल के अपराधी को दी राहत, तुरंत रिहाई का आदेश
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.