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Ram Mandir: हवन कुंड बनवाने अयोध्या पहुंचे काशी के विद्वान, रामलला के दरबार में गूंजेगी बनारस घराने की शहनाई

मुख्‍य मंदिर के सामने पहले से चिह्नित स्‍थल पर दो यज्ञ मंडप और नौ हवन कुंडों का निर्माण शुरू करवा दिया है. 60-60 वर्गफीट के यज्ञ मंडप होंगे, जबकि हवन कुंड नौ आकार के बनाए जाएंगे.

रामलला

Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के उद्घाटन को देखते हुए अयोध्या में इन दिनों तैयारी जोरों पर है. 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है और इसी दिन राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा भी होगी. कार्यक्रम को मात्र कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में काशी के पांच वैदिक विद्वान प्रभु राम की नगरी में पहुंच गए हैं. इनके ही निर्देशन में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन को पूरा कराया जाएगा और अब इन विद्वानों ने मिलकर मुख्य मंदिर के सामने यज्ञ मंडप और हवन कुंड का निर्माण शुरू करा दिया है और धार्मिक अनुष्ठान को लेकर तैयारी जोरों पर होने लगी है. 16 जनवरी से प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर मंदिर प्रांगण में कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. तो वहीं रामलला के दरबार में बनारस संगीत घराने की शहनाई गूंजेगी जो पूरे माहौल को राममय बनाएगी.

पुलकित हो उठे रोम-रोम

बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह में बनारस संगीत घराने के प्रसिद्ध दुर्गा प्रसन्‍ना की शहनाई की मंगलध्‍वनि गूंजेगी और पूरे वातावरण को राममय बनाएगी. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, उत्तर मध्‍य क्षेत्र सांस्‍कृतिक केंद्र (प्रयागराज) की ओर से दुर्गा प्रसन्‍ना को समारोह में शहनाई बजाने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस सम्बंध में दुर्गा प्रसन्‍ना ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, इस आमंत्रण से उनका रोम-रोम पुलकित हो उठा है. प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्‍ठा में पहुंचना ही बहुत बड़ी बात है. 500 वर्षों के वनवास के बाद प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के समय मंगलध्‍वनि बजाना उनके जीवन की सबसे सुखद अनुभूति होगी.

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बुधवार को पहुंचा वैदिक विद्वानों का दल

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को अयोध्‍या में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए काशी के पांच सदस्‍यीय वैदिक विद्वानों का पहुंच गया है. इसमें कर्मकांडी अरुण दीक्षित के साथ ही सुनील दीक्षित, अनुपम कुमार दीक्षित और पंडित गजानन जोधकर के साथ ही यज्ञकुंड निर्माण पद्धति के विशेषज्ञ पंडित दत्तात्रेय नारायण शामिल है. खबर सामने आ रही है कि, इन विद्वानों ने धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी शुरू कर दी है. मुख्‍य मंदिर के सामने पहले से चिह्नित स्‍थल पर दो यज्ञ मंडप और नौ हवन कुंडों का निर्माण शुरू करवा दिया है. 60-60 वर्गफीट के यज्ञ मंडप होंगे, जबकि हवन कुंड नौ आकार के बनाए जाएंगे. इन कुंडों की आकृतियां चतुष्‍कोणीय, पद्मकार, अर्द्धचंद्र, त्रिकोण, वृत्ताकार, योनिकार, षटकोणीय, अष्‍टको‍णीय होंगी. तो वहीं एक प्रधान कुंड होगा. बताया जा रहा है कि, 10 जनवरी तक यज्ञ मंडप और हवन कुंडों का निर्माण पूरा हो जाएगा.

15 जनवरी को पहुंचेगा दूसरा दल

वहीं खबर सामने आ रही है कि, प्राण प्रतिष्‍ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले काशी के प्रकांड वैदिक विद्वान पं. गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ और अनुष्‍ठान में आर्चायत्‍व की भूमिका निभाने वाले काशी के कर्मकांडी पंडित लक्ष्‍मीकांत दीक्षित के साथ वैदिक विद्वानों का दूसरा दल 15 जनवरी को अयोध्‍या पहुंचेगा. वह अपने साथ हवन में प्रयोग होने वाली नौ तरह की लकड़ियों से तैयार सामग्री, समिधा (हवन सामग्री) तथा रामलला को विराजमान कराने के लिए सप्‍तधान्‍य और नवरत्‍न (हीरा, पन्‍ना आदि) लेकर जाएंगे. इसी के साथ ही अयोध्या के लिए काशी के सात स्‍थानों की पवित्र मिट्टी भी भेजी जाएगी. प्राण-प्रतिष्‍ठा अनुष्‍ठान 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा और 22 जनवरी को सुबह पूजन के बाद मध्‍याह्न काल में मृगशिरा नक्षत्र में 84 सेकेंड के शुभ संजीवनी मुहूर्त में पीएम नरेंद्र मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्‍य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाएंगे. इसी के साथ ही महाआरती करेंगे और इसी के बाद मंदिर के पट राम भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे.

काशी में तैयार हुआ यज्ञ पात्र

बता दें कि प्राण-प्रतिष्‍ठा अनुष्‍ठान में जो यज्ञ पात्र का इस्तेमाल किया जाएगा, उसे भी काशी में तैयार किया गया है. रामकटोरा इलाके के काष्‍ठकला कारीगर सूरज कुमार बताते हैं कि, नवग्रह की लकड़ियों से यज्ञपात्र को तैयार किया गया है. इस में अरणी मंथन (अग्नि उत्‍पन्‍न करने के लिए), शंख, चक्र, गदा और पद्म (मंडप के चारों दिशा में लगेंगे), सुरूवा (आहुति देने में इस्‍तेमाल), सुरुचि (पूर्णाहुति यानी पूजन संपन्‍न कराने में), प्रोक्षणी (घी-पात्र), प्रणीता (जलपात्र) शामिल है. उन्होने आगे बताया कि, खड़क का इस्‍तेमाल वेदी का लेख खींचने में होगा. इन सभी पात्रों को सूरज ने ही बनाया है. वह कहते हैं कि, कुल 10 सेट यज्ञ पात्रों को अंतिम रूप देने का काम तेजी से जारी है. हर सेट में पांच सामग्रियां हैं. सभी पात्र जल्द ही बनकर तैयार हो जाएंगे. इसी के साथ वह कहते हैं कि, राम मंदिर के यज्ञ पात्र बनाने का मुझे सौभाग्य मिला. इससे बड़ी क्या बात हो सकती है.

-भारत एक्सप्रेस

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