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ईशा फाउंडेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के मामले में तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाई है, जिसमें बोर्ड ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील की थी जिसमें ईशा फाउंडेशन को जारी कारण बताओ नोटिस को खारिज कर दिया गया था.

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Prashant Rai Edited by Prashant Rai

सुप्रीम कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के मामले में तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दायर याचिका पर तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आड़े हाथ लिया है. कोर्ट ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाते हुए पूछा है कि इतने दिनों तक मंजूरी नहीं लिए जाने की बात अब याद क्यों आई है. अब तो उस जगह पर योगा केंद्र भी बन गया है.

मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दायर याचिका को नौकरशाहों द्वारा खेला गया दोस्ताना करार दिया, जो याचिका को खारिज करने पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर चाहते हैं. तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कोर्ट ने इस बात पर फटकार लगाई है कि उनसे मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दो साल बाद अदालत का रुख किया है, जिसमें ईशा फाउंडेशन को 2006 से 2014 के बीच विभिन्न भवनों के निर्माण के लिए जारी कारण बताओ नोटिस को खारिज कर दिया गया था.

यह मामला तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में बने योग सेंटर से जुड़ा हुआ है. जिसे सद्गुरु जग्गी वासुदेव की ईशा फाउंडेशन ने बनाया है. जस्टिस सूर्यकांत ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि आपको समय पर सुप्रीम कोर्ट जाने से किसने रोका था.

कोर्ट ने लगाई फटकार

कोर्ट ने पूछा कि केरल हाई कोर्ट द्वारा दिया गया स्टे दूसरे कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को कैसे छीन लेगा? याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह इस मामले में बेहतर हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं, जिसपर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर हम बेहतर हलफनामे स्वीकार करना शुरू कर दें और 633 से अधिक दिनों की देरी को स्वीकार कर लें तो गरीब वादियों को इससे वंचित किया जाना चाहिए. कोर्ट ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि आप कैसे कहते है कि योग केंद्र एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है? इसके अलावा हम 633 दिन की देरी को कैसे माफ कर सकते हैं? यदि हम ऐसा करेंगे तो मिशाल कायम करेंगे. कोर्ट ने कहा कि जब अवस्था इतनी देर से आती है तो हम मंगलमय हो जाते है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपने कहा है कि सीवेज प्लांट काम नहीं कर रहा है. आपको एक निर्माण को ध्वस्त करने की अनुमति नही दी जा सकती है.

-भारत एक्स्प्रेस



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