
Delhi High Court
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने वर्ष 2015 के एक हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला जघन्यतम अपराध की श्रेणी में नही आता है, इसलिए उन्हें फांसी की सजा देना उपयुक्त नहीं है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विक्रम ने मोहम्मद आदिल खान, अमित कुमार और शहजाद को हत्या, डकैती और धमकी देने के जुर्म में दोषी करार दिया गया है.
कोर्ट ने दो आरोपी को घोषित किया भगोड़ा
इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपी को भगोड़ा घोषित किया है. तीनों ने डकैती के दौरान 9 जनवरी 2015 को पीतमपुरा में रख व्यक्ति की उसके कार्यालय में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी. अपराध की घटना कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. फुटेज की गुणवत्ता इतनी स्पष्ट थी कि आरोपियों की पहचान करने में जरा भी संदेह नही हुआ.
तीन लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया मामला
अदालत ने पिछले साल दिसंबर में तीनों को हत्या और डकैती के मामले में दोषी करार दिया था. सजा पर बहस के दौरान लोक अभियोजक ने उसे अधिकतम सजा देने की मांग की. जबकि दोषियों के वकील ने कम से कम सजा की मांग की. अदालत ने कहा कि कानून का यह सिद्धांत है कि मौत की सजा सिर्फ दुर्लभतम मामलों में ही दिया जाए. लेकिन यह दुर्लभ मामला नहीं है. मौर्या एनक्लेव थाने में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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