जोशीमठ पर लोगों का विरोध जारी (फोटो ट्विटर)
Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात हद से ज्यादा खराब हो गए हैं. 700 से ज्यादा घरों की दीवारों में दरारें देखी जा रही हैं. प्रशासन ने इन पर लाल निशान लगा कर इन्हें गिराने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं इन घरों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. लेकिन इनमें से तमाम परिवार अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं. लोगों का कहना है कि- भलें आपदा की वजह से माहौल खराब हो गया है. लेकिन पहले उन्हें प्रशासन की ओर से पुनर्वास और मुआवजे का आश्वासन मिले. जिसके बाद ही वो अपना घर छोड़ेंगे. जोशीमठ में इसको लेकर लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार की सर्द रात में भी लोगों ने प्रदर्शन किया.
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि- प्रशासन की ओर से अब तक किसी भी पुनर्वास और मुआवजे की बात उनसे नहीं की गई है. उधर, जोशीमठ में आदेश के बावजूद मंगलवार को दोनों होटलों माउंट व्यू और मल्हारी को गिराने का काम पूरा नहीं हो सका. होटल के मालिकों का कहना है कि उन्हें अब तक प्रशासन की ओर से न ही नोटिस मिला और न ही उनकी जगह का मूल्य निर्धारण किया गया है.
‘मुआवजे से स्थानीय लोग नाखुश’
बता दें कि अभी जिन 723 मकानों में दरारें पाई गई हैं, उनमें से 131 परिवारों को अस्थाई रूप से दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है. जबकि 10 परिवार ऐसे हैं, जिनके घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. उन्हें 1.30 लाख की दर से धनराशि दी गई है. वहीं प्रभावित लोगों के लिए खाने का सामान, 70 कम्बल और 570 लीटर दूध दिया गया है. कुल 80 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है. लेकिन सरकार के इन इंतजामों के बावजूद भी लोगों का विरोध जारी है. लोगों का कहना है कि- किसी की जिंदगीभर की कमाई का जो 1.3 लाख रुपये का मुआवजा निकाला गया है. वो लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. महिलाएं सड़क पर बैठी हुई हैं.
मौसम हुआ खराब
जमीन धंसने की आफत के बीच अब जोशीमठ का मौसम भी खराब हो चुका है. यहां बारिश ने प्रशासन के लिए मुसीबत बढ़ा दी है. इमारतों को गिराने का प्रशासन ने अभी शुरू ही किया था कि अब बारिश ने काम बिगाड़ दिया है.
– भारत एक्सप्रेस
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