क्या ट्रेन की तरह कोहरे का असर मेट्रो पर भी पड़ता हैं? यहां जान लीजिए जवाब
Vijayadashami: राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भारतवासियों को विजयदशमी की हार्दिक बधाई देते हुए स्वयं के अंदर पल रहे रावण को मारने का आह्वान किया है। मंच का मानना है कि हमारे अंदर के आतंकवाद, अहंकार, अमानवीय चेहरे, अन्याय, काम वासना, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, मोह और स्वार्थ को निकाल फेंकना होगा तभी सही मानों में हम विजयदशमी के पावन पर्व को समझने में सक्षम होंगे और इसे चरितार्थ कर पाएंगे। साथ ही साथ मंच ने राष्ट्रहित में काम करने वालों के हाथ मजबूत किए जाने का आह्वान किया है।
मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ने कहा कि मंगलवार को विजयदशमी के पावन अवसर पर हुई मंच की ऑनलाइन बैठक में राष्ट्रीय, प्रांतीय एवं क्षेत्रीय संयोजकों, सहसंयोकों, अधिकारियों, प्रभारियों और निष्ठावान सदस्यों एवं कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। बैठक में सर्वसम्मति से सभी का मानना था कि हम सब को राष्ट्रप्रहरी के रूप में देश की आन बान शान के खातिर एकजुट होकर सच्ची लगन और निष्ठा के साथ राष्ट्रहित में काम करने वालों के हाथ मजबूत करने की जरूरत है। सशक्त और विकासशील भारत बनाने में प्रत्येक देशवासियों की अपनी भूमिका और जिम्मेदारी होती है।
मंच का मानना है कि बुराई पर अच्छाई की विजय और रामराज्य के लिए न सिर्फ सत्ता बल्कि प्रत्येक भारतीयों का दायित्व बनता है कि वे अपने अपने स्तर पर मादरे वतन हिंदुस्तान के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखते हों। मंच का मानना है कि हम सब मिल कर ही एक शक्तिशाली और समृद्ध देश बना सकते हैं परंतु इसके लिए अनिवार्य है ईश्वर के बताए इंसानियत के मार्ग पर चलना।
मंच का मानना है कि रावण के 10 आधुनिक चेहरों अशिक्षा, अज्ञानता, अक्षमता, अभाव, अहंकार, अभद्रता, अराजकता, असामाजिकता, अत्याचार व आतंकवाद रूपी असुरों का सर्वनाश होना अत्यंत आवश्यक है। तभी तामसिक वृत्ति पर सात्विक शक्तियों और भौतिक बल पर सरल सहज आध्यात्मिक शक्तियों की विजय के प्रतीक पर्व दशहरे को हम अपने अंदर उतारते हुए सफल सजग सशक्त राष्ट्र की कल्पना को साकार कर पाएंगे।
मंच का मानना है कि प्यार के नाम पर धोखा, लव जिहाद, मोहब्बत के नाम पर हत्या, कामवासना, तीन तलाक, धोखाधड़ी, अशिक्षा को हमें जड़ से मिटाना होगा। इन सबके लिए मंच प्रतिबद्ध है और मंच का मानना है कि इस सिलसिले में एक राष्ट्र, एक झंडा, एक कानून का जल्द से जल्द पालन होना जरूरी है। यही कारण है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच समान नागरिक संहिता में विश्वास रखता है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इससे पहले समाज में जागरूकता फैलाते हुए तीन तलाक पर कानून बनवाने, कश्मीर से धारा 370 और 35A हटवाने, अयोध्या में राम मंदिर के लिए रास्ता हमवार करने से लेकर अनेकों ऐसे मुद्दों और समस्याओं का हल निकाला है जो कठिन या असंभव जैसे प्रतीत होते थे।
मंच कामना करता है कि रूस यूक्रेन इजरायल फिलिस्तीन लेबनान तुर्की जैसे मुल्क शांति और सौहार्द का वातावरण बनाते हुए बातचीत के माध्यम से झगड़ों का हल निकालें। मंच का मानना है कि अभी जिस रास्ते पर ये देश चल रहे हैं वो अमानवीय है और मानवजाति को कलंकित करता है कि आज की सदी में भी लोग मासूमों के खून के प्यासे हैं। साथ ही साथ मंच किसी भी तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा और भर्त्सना करता है। मंच साग कर देना चाहता है कि वह फिलिस्तान के साथ है परंतु आतंकवादी संगठन हमास के साथ नहीं। मंच यह भी दुहराना चाहता है कि मंच इस बात की भी इजाजत नहीं देता कि इजरायल बेगुनाहों और मासूमों को निशाना बनाएं।
मंच का मानना है कि हमारे देश को भी असमाजिक तत्वों और वैसे दलों से सावधान रहना चाहिए जो वोट बैंक की खातिर एक खास वर्ग विशेष को आजादी के बाद से ही अशिक्षित रख कर अपने वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल करते और देंगे की आग में झोंकते आए हैं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक में इस बात पर भी फैसला हुआ कि यात्रा फॉर पीओके देशभर में जारी रहेगी और पाकिस्तान पर राजनीतिक, कूटनीतिक, सामाजिक और नैतिक दबाव बनाया जाता रहेगा ताकि गुलाम कश्मीर जो भारत का अभिन्न अंग है वह फिर से वापस लिया जा सके।
मंच हर साल की तरह इस बार भी हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह समेत देश के अनेकों दरगाह पर दीपोत्सव मनाने के लिए रोशन ए चिरागा को मनाएगा। इस अवसर पर मिठाइयां बांटी जाएंगी और जरूरतमंदों को कपड़े और जरूरत के समान बांटे जाएंगे।
बैठक में मोहम्मद अफजाल, गिरीश जुयाल, शाहिद अख्तर, ताहिर हुसैन, विराग पाचपोर अबु बकर नकवी, एस के मुद्दीन, रज़ा हुसैन रिजवी, मजीद तालिकोटि, तुषरकांत, इरफान अली पीरजादा, हाजी मोहम्मद साबरीन, इमरान चौधरी, मोहम्मद इस्लाम, खुर्शीद रजाका, फैज खान, शालिनी अली, रेशमा हुसैन, सैयद मोहम्मद इरफान, ठाकुर राजा रईस, महताब आलम रिजवी, फारूक खान, अज़ीम उल हक, इमरान हसन, इरतेजा करीम, अनिल गर्ग, केशव पटेल, मोहम्मद हसन नूरी, अल्तमश खान बिहारी, अकील खान, आसेफा अली, जाहिर हुसैन, आमिर खान, अब्दुल रउफ, आसिफ अली, चांदनी बानो, मीर नजीर, बदरुद्दीन खान समेत अनेक कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।
जनवरी माह में संगमनगरी में महांकुभ की अलग दुनिया बसने जा रही है. सनातनियों के…
अदाणी ग्रुप ने "हम करके दिखाते हैं" के अपने कैंपेन को एक नए रूप में…
Year Ender 2024: इस साल कुछ फिल्में ऐसी भी रहीं जिन्होंने कम बजट के बावजूद…
बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी ने राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका दावा है…
ऑस्ट्रिया में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला और उसके…
Wearing Socks While Sleeping: कई बार लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि…