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UP Politics: लोकसभा 2024 को लेकर मायावती ने बनायी रणनीति, चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए खुद मैदान में उतरेंगी

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में भले ही अभी वक्त हैं लेकिन सभी राजनीतिक दल अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने और जीत के गुणा-भाग में जुट चुकी हैं.

Mayawati

बसपा प्रमुख मायावती (फाइल फोटो)

-अवनीश कुमार

UP Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी वोट बैंक संभालने और जनाधार बढ़ाने की तैयारी में जुट गयी है. खबरों को मुताबिक, बसपा सुप्रीमो मायावती खुद ही मैदान में उतरकर मोर्चा संभालने का प्लान बना रही हैं. एजेंसियों का सर्वे और सलाहकारों की राय के बाद मायावती मैदान में खुद दिखने वाली हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव में भले ही थोड़ा समय बचा हुआ है, लेकिन सभी राजनीतिक दल अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने और जीत के गुणा-भाग में जुट चुकी हैं. भाजपा, सपा और कांग्रेस जहां गठबंधन के लिए धड़े तलाश रही हैं तो वही बसपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं.

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती निकाय चुनाव के बाद से लगातार पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठके कर रहीं हैं और बसपा की खोई जनाधार को कैसे लाया जाये उस पर मंथन करती दिखाई दे रही हैं. सूत्रों की माने तो पार्टी पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में बसपा मुखिया मायावती को यूपी समेत कई राज्यों में ठीक फीडबैक नहीं मिला, अब मायावती को खुद मैदान में उतरने की जरुरत बताई गयी है.

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हरियाणा से कर सकती हैं इसकी शुरूआत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यही वजह है कि एजेंसियों के सर्वे और सलाहकारों के फीडबैक पर लोकसभा चुनाव से पहले बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती हरियाणा से इसकी शुरुआत कर सकती हैं और यूपी में भी पुराने तेवर दिखाने की तैयारी है. बसपा के खोते जनाधार और पिछले चुनाव के प्रदर्शन पर वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी कहते हैं कि आज मायावती बूथ और कैडर कैम्प की बात कर रही हैं, यही प्रयोग कांशीराम ने किया था और पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया. अब फिर से अगर बसपा मुखिया कार्यकर्ताओं का हौसला खुद बढ़ाएंगी तो तस्वीर बदल सकती है.

दिखानी होगी आक्रमकता

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी ने मायावती को लेकर आगे कहा कि, चुनाव में अभी समय कम बचा है लेकिन उनको अपना पुराने तेवर और आक्रामकता दिखाना ही होगी, जिससे कार्यकर्ताओं और उनके वोटबैंक को कोई और न खिंच पाए. बसपा के लिए यह लोकसभा चुनाव काफी अहम है, 2014 के लोकसभा चुनाव में जो प्रदर्शन रहा वह किसी से छिपा नहीं है, पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी मतभेद भूलकर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन हुआ और बसपा को 10 सीटें मिली और 19 फीसदी से ज्यादा वोट प्रतिशत भी मिला जो सपा के वोट प्रतिशत से भी ज्यादा है. सपा बसपा का यह गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चला और मायावती ने सपा का वोट न मिलने का आरोप लगाकर गठबंधन से अलग हो गयीं. अब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर कोई पत्ते नहीं खोल रहीं लेकिन यूपी समेत कई राज्यों में बेहतर प्रदर्शन के लिए बूथ और कैडर कैम्प पर जोर दे रही हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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