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By निहारिका गुप्ता
Electoral Bonds Fund Scheme: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. यह फैसला केंद्र सरकार समेत बड़े-बड़े सियासी दलों के लिए झटका है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पांच जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से लिया. हालांकि, एक जज की राय कुछ अलग थी. जस्टिस संजीव खन्ना, जिनका निष्कर्ष भी सीजेआई के फैसले के समान था, जबकि कुछ राय अलग से व्यक्त की गई. जो कि फैसले के आगे के पेज में दी गई है.
चुनावी बॉन्ड योजना के मामले पर आया फैसला पेज 1 से 152 तक है. अपने फैसलै के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा— “हम सर्वसम्मति से इस निर्णय पर पहुंचे हैं, कि मेरे फैसले का समर्थन संविधान पीठ के सभी न्यायाधीश (जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा एवं जस्टिस संजीव खन्ना), जिसमें संजीव खन्ना के तर्को में थोड़ा अंतर है, लेकिन निष्कर्ष सबका एक ही है. वो निष्कर्ष है कि चुनावी बॉन्ड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है.”
राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिग की जानकारी ना देना गलत
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिग की जानकारी ना देना उनके उद्देश्य के बिल्कुल विपरीत है. जो (Electoral Bonds Fund Scheme) योजना लाई गई, वो असंवैधानिक है. बॉन्ड की गोपनीयता बनाए रखना असंवैधानिक है. यह स्कीम सूचना के अधिकार का उल्लंघन है. अब 13 मार्च को पता चलेगा कि किस पार्टी को किसने, कितना चंदा दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिये सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता एवं 4 न्यायाधीशों समेत संविधान पीठ ने पिछले साल 2 नंवबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. जिसके बाद इस पर गुरुवार, 15 फरवरी को फैसला सुना दिया गया.
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SBI बैंक चुनावी बॉन्ड तत्काल बंद करे और 6 मार्च तक डेटा पेश करे
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में एसबीआई (SBI) को निर्देश देते हुए कहा कि SBI राजनीतिक दलों का ब्योरा दे, जिन्होंने 2019 से अब तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा हासिल किया है. SBI राजनीतिक दल की ओर से कैश किए गए हर इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल दे, कैश करने की तारीख का भी ब्योरा दे. इसके अलावा बैंक अगले आदेश तक चुनावी बॉन्ड का ट्रांजेक्शन तत्काल बंद कर दे. और, सारी जानकारी 6 मार्च 2024 तक इलेक्शन कमीशन (चुनाव आयोग) को दे.
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जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद SBI राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण देने के लिए बाध्य है. अब इलेक्शन कमीशन (ECI) 31 मार्च 2024 तक चंदा देने वालों की लिस्ट को अपने वेबसाइट पर अपलोड कर पब्लिश करेगा. फैसले के अनुसार, सभी विवरण इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा.
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