(प्रतीकात्मक तस्वीर)
कर्नाटक की बेंगलुरु पुलिस ने वाल्मीकि फंड ट्रांसफर घोटाला मामले की जांच कर रहे ईडी के दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. यह शिकायत सामाजिक कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कल्लेश बी. ने दर्ज कराई है. यह एफआईआर कल्लेश बी. को इस घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य लोगों को फंसाने के लिए राजी करने का दबाव डालने के लिए दर्ज की गई.
आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने कल्लेश बी. को धमकी दी कि ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और उन्हें अगले दो साल तक जमानत नहीं मिलेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि यह धमकी 18 जुलाई को ईडी कार्यालय में गई थी. उक्त मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने अतिरिक्त निदेशक कल्लेश बी. को बुलाया था. कल्लेश पहले महर्षि वाल्मीकि एसटी कॉरपोरेशन के एमडी थे, जो आदिवासी समुदाय के कल्याणकारी कार्यक्रमों का कार्यान्वयन करती है.
इन अधिकारियों के खिलाफ केस
एफआईआर में नामित दो अधिकारी ईडी के सहायक निदेशक मुरली कन्नन और उनके वरिष्ठ अधिकारी, एक आईआरएस अधिकारी मित्तल हैं. इस घटनाक्रम के कुछ घंटे पहले ही स्थानीय अदालत ने कांग्रेस विधायक और पूर्व आदिवासी मामलों के मंत्री बी. नागेंद्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 जून को बेल्लारी देहात से कांग्रेस विधायक नागेंद्र के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके अलावा ईडी ने एक अन्य व्यक्ति हैदराबाद निवासी सत्यनारायण वर्मा को भी हिरासत में लेने की मांग की, जिसे कथित तौर पर इस मामले में लाभ हुआ है. वर्मा फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
इस महीने की शुरुआत में ईडी ने कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एक बड़े घोटाले की जांच के तहत छापेमारी की थी. इस घोटाले में कथित तौर पर 89.63 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि को हैदराबाद के अज्ञात लोगों को हस्तांतरित किया गया था.
क्या है पूरा मामला
कथित घोटाला तब सामने में आया था, जब निगम के एक कर्मचारी एन. चंद्रशेखरन ने धन के गबन के कारण अपनी जान दे दी थी. उन्होंने 26 मई को एक नोट में इसके लिए ‘मंत्री’ को दोषी ठहराया था. इसके बाद बी. नागेंद्र, जो कर्नाटक सरकार में अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री के रूप में निगम की देखरेख करते थे, ने 6 जून को इस्तीफा दे दिया था.
इसके बाद कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में बी. नागेंद्र की गिरफ्तारी की गई है, जिसमें कथित तौर पर 88 करोड़ रुपये तक की धनराशि का गबन किया गया था.
तीन एजेंसियां कर रही हैं जांच
तीन एजेंसियां – राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और ED – आरोपों की जांच कर रही हैं. SIT ने इस संबंध में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और कथित रूप से गबन की गई 14.5 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है. बीते 9 जुलाई को SIT ने ED की छापेमारी से एक दिन पहले बी. नागेंद्र और निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दल, रायचूर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक से पूछताछ की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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