

अनुज कुमार, भारत एक्सप्रेस
Public Transport in UP: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने परिवहन निगम में कार्यरत आउटसोर्स परिचालकों के हित में बड़ा फैसला लिया है. अब ऐसे परिचालक, जिन्होंने कम से कम छह माह की सेवा पूरी कर ली हो और 30,000 किलोमीटर की दूरी तय कर ली हो, वे आपसी सहमति के आधार पर स्थानांतरण करा सकेंगे. इस नीति के तहत उन्हें अपने गृह जनपद या उसके समीपस्थ किसी स्थान पर तैनाती मिल सकेगी.
दूरदराज क्षेत्रों में तैनाती की समस्या दूर होगी
अब तक परिवहन निगम के परिचालकों को जहां नियुक्त किया जाता था, वहीं काम करना अनिवार्य था. इसके कारण कई कर्मचारी अपने घरों से दूर कार्यरत थे, जिससे उनकी उपस्थिति प्रभावित होती थी. नई व्यवस्था से दूरदराज क्षेत्रों में कार्यरत परिचालकों को राहत मिलेगी और वे अपने परिवार के समीप रह सकेंगे. इससे अनुपस्थिति और बार-बार छुट्टी लेने की प्रवृत्ति में कमी आएगी.
बस संचालन में आएगी नियमितता
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह के अनुसार, इस फैसले से परिवहन निगम की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होगी. परिचालकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होगी, जिससे बसों का संचालन बिना किसी बाधा के हो सकेगा. इससे यात्रियों को समय पर बस सेवाएं मिलेंगी और उनके सफर में आसानी होगी.
सरकार के राजस्व में होगा इज़ाफा
सरकार का मानना है कि इस फैसले से परिवहन निगम की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी. जब बसें नियमित रूप से संचालित होंगी, तो यात्रियों की संख्या बढ़ेगी और आय में भी इज़ाफा होगा. यह निर्णय परिचालकों की सुविधा के साथ-साथ आम जनता के हित में भी है.
योगी सरकार ने इस निर्णय को पारदर्शिता और जनसेवा की दिशा में एक और मजबूत प्रयास बताया है. इससे न केवल कर्मचारी लाभान्वित होंगे, बल्कि प्रदेश की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी सशक्त होगी.
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