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मानसिक रूप से बीमार बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न के दोषी को 20 साल की कठोर सजा

कड़कड़डूमा कोर्ट ने मानसिक रूप से विकलांग बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न के दोषी को 20 साल की सजा सुनाई. अदालत ने कहा कि ऐसे गंभीर अपराधों में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जा सकती.

प्रतीकात्मक चित्र

मानसिक रूप से बीमार लड़के के साथ यौन उत्पीड़न के दोषी को कड़कड़डुमा कोर्ट ने 20 साल की कठोर सजा सुनाई है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे अपराधों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. अदालत ने पीड़ित को 3 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश भी दिया है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने अपने फैसले में कहा कि पीड़ित 90 फीसदी मानसिक रूप से विकलांग है, जिसके साथ दोषी ने यौन उत्पीड़न किया. पीड़ित बच्चे के साथ इस तरह के अपराधों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. अदालत ने 50 वर्षीय रिक्शा चालक को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 4 (यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी ठहराया था.

पीड़ित को 28 मई 2014 को एक फ्लाईओवर के नीचे बिना कपड़ों के बेहोश और खून से लथपथ पाया गया था, जिसके बाद एक एफआईआर दर्ज की गई थी. सरकारी वकील अंजू भारती ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग की. अदालत ने कहा दोषी किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है, और तदनुसार उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई जाती है. यह घटना 2014 की है.


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-भारत एक्सप्रेस



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