सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेएसडब्ल्यू स्टील की करीब 4025 करोड़ की संपत्ति को वापस कर दिया है. ईडी ने यह संपत्ति सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वापस किया है. ईडी ने करीब पांच साल पहले मनी लॉन्ड्रिंग के तहत भूषण पॉवर एंड स्टील कंपनी की 4025 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया था. यह संपत्ति पहले भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड की थी, जिसे दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कॉरपोरेट समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के माध्यम से जेएसडब्ल्यू को सौपा गया.
भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटरों पर बैंकों को धोखा देने और बैंक के पैसे को निजी निवेशों में लगाने का आरोप है. जिसके चलते ईडी ने पीएमएलए की धारा 5 के तहत इन सम्पत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था. ईडी ने कहा कि 4025 करोड़ रुपये की संपत्ति की वापसी पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत की गई है. जिसे पीएमएलए संपत्ति बहाली नियमों के नियम 3 ए के साथ पढ़ा जाए. कथित बैंक लोन डिफॉल्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए के तहत ओडिशा में बीपीएसएल की जमीन, इमारत, संयंत्र और मशीनरी कुर्क की गई है.
ईडी ने आरोप लगाया था कि बीपीएसएल ने विभिन्न बैंकों से लिए कर्ज की राशि में हेर फेर करने के कई तरीके अपनाए. कंपनी के तत्कालीन सीएमडी संजय सिंघल और उनके परिवार के सदस्यों ने बीपीएसएल में पूंजी के रूप में 695.14 करोड़ रुपए दिखाए. यह राशि कंपनी के बैंक ऋण का दुरूपयोग कर कृत्रिम तौर पर सृजित दीर्घकालिक पूंजी प्राप्ति में से पेश की गई. जब यह राशि दिखाई गई, तब दीर्घकालिक पूंजीगत प्राप्ति से आयकर में छूट थी. प्रवर्तक कंपनियों द्वारा 3330 करोड़ रुपए की अन्य राशि का इक्विटी निवेश दिखाया गया. यह भी विभिन्न बैंक रिणों से प्राप्ति के जरिए किया गया. बैंक ऋण से प्राप्त इस धन को बीपीएसएल के खातों से विभिन्न मुखौटा कंपनियों को दिए गए अग्रिम के रूप में दिखाया गया. इन कंपनियों को एंट्री ऑपरेटर द्वारा चलाया जाता था.
-भारत एक्सप्रेस
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