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सहमति से शादी या जबरन? महिला के विरोधाभासी बयान पर दिल्ली HC ने दिया व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश

यह मामला तब सामने आया जब पति ने अपनी पत्नी को पेश करने की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसमें दावा किया गया कि उसे उसके माता-पिता ले गए हैं और 24 अक्टूबर से उसका पता नहीं चल रहा है.

delhi high court

दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह सत्यापित करने का निर्देश दिया है कि जिस पुरुष के साथ उसका विवाह हुआ है वह उसकी सहमति से हुआ था या नहीं. जस्टिस प्रतिभा एम पाटिल और जस्टिस अमित शर्मा की पीठ ने यह निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान महिला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुई तो उसका वीडियो चालू नहीं था. कोर्ट ने अंदाजा लगाया कि महिला यह कहने का प्रयास कर रही थी कि उसका विवाह जबरन कराया गया था.

कोर्ट ने कहा स्पष्ट रूप से लड़की ने पुलिस स्टेशन में जो कहा है और आज जो कहा वह विरोधाभासी है. कोर्ट ने महिला को अगली सुनवाई में परिवार के सदस्यों के साथ कोर्ट में पेश होने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि महिला और उसके परिवार के सदस्यों को 16 दिसंबर को कोर्ट में सुरक्षित अदालत में पहुचाए.

यह मामला तब सामने आया जब पति ने अपनी पत्नी को पेश करने की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसमें दावा किया गया कि उसे उसके माता-पिता ले गए हैं और 24 अक्टूबर से उसका पता नहीं चल रहा है. व्यक्ति ने यह भी दावा किया कि जोड़े ने सितंबर में एक मंदिर में उसके परिवार की बगैर सहमति के विवाह किया और यहां तक कि महिला ने पुलिस को बताया कि उसने विवाह के लिए सहमति दी थी, उसके बाद में अदालत में विरोधाभासी रुख अपनाया.

अदालत व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी को पेश करने की मांग करते हुए दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उन्होंने कहा कि चूंकि महिला के माता-पिता विवाह के खिलाफ थे, इसलिए उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि उनकी बेटी का पता नहीं चल रहा है. 9 सितंबर को युगल जोड़ी पुलिस के सामने पेश हुए और पुष्टि की कि उनकी शादी सहमति से हुई थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि महिला के पिता भी पुलिस स्टेशन में मौजूद थे. व्यक्ति ने कहा कि महिला के माता-पिता अक्टूबर में उनके घर आए और कुछ अनुष्ठानों के बहाने उसे अपने साथ चलने के लिए राजी कर लिया. हालांकि उसके बाद से महिला का फोन नंबर नहीं मिल पा रहा था और वह उससे संपर्क करने में असमर्थ था, जिसके चलते उसे अदालत का रुख करना पड़ा.


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पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार महिला ने 9 सितंबर को पुलिस स्टेशन में एक हस्तलिखित बयान दिया, जिसमें कहा गया कि उसने अपनी मर्जी से उस व्यक्ति से शादी की है. पुलिस ने कहा कि बाद में महिला की ओर से एक शिकायत मिली, जिसमें आरोप लगाया कि व्यक्ति ने उसके साथ जबरन शादी की है.

-भारत एक्सप्रेस



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