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नीतीश कटारा हत्याकांड: विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

Nitish Katara Case: नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन की अंतरिम जमानत मिली. मामले में अब अगली सुनवाई 8 मई को होगी.

Supreme Court
Vijay Ram Edited by Vijay Ram

साल 2002 के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में दोषी विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने विकास को उनकी बीमार मां की देखरेख के लिए 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी है. यह जमानत 1 लाख रुपये के निजी मुचलके और एक ज़मानती पर दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया. विकास यादव की माँ की तबीयत गंभीर होने के कारण वह गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती हैं. कोर्ट ने उन्हें दो दिन के लिए एम्स में भर्ती कराने का निर्देश दिया है, साथ ही 7 मई तक उनकी मेडिकल रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को करेगा.

सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश

कोर्ट ने इस मामले में नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा और अजय कटारा की सुरक्षा को लेकर भी सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को दोनों को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं और साथ ही यह भी कहा है कि यदि वे दिल्ली आते हैं, तो दिल्ली पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा देगी.

मां से मिलने पर पाबंदी

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विकास यादव को एम्स में भर्ती रहने के दौरान अपनी मां से मिलने की इजाज़त नहीं होगी. केवल मां के घर लौटने के बाद ही वह उनसे मिल सकेंगे.

सुनवाई में उठे सवाल

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से सवाल करते हुए पूछा था कि यदि विकास यादव की मां को कुछ हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा? कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि विकास यादव पहले ही 23 साल जेल में बिता चुके हैं और यह देखना ज़रूरी है कि माँ की देखभाल हो सके.

हालांकि एएसजी भाटी ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि विकास यादव एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और पूर्व में उन्होंने मेडिकल आधार पर मिली छूट का दुरुपयोग किया है.

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने एम्स की मेडिकल रिपोर्ट पर असंतोष जताया और कहा कि मेडिकल बोर्ड कार्य के लिए तैयार नहीं है और रिपोर्टें लापरवाही से भरी हैं. कोर्ट ने एम्स के डायरेक्टर को मेडिकल बोर्ड गठित कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.

नीतीश हत्याकांड

17 फरवरी 2002 को नीतीश कटारा की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में विकास यादव और विशाल यादव को दोषी ठहराया गया था. निचली अदालत और हाईकोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को 25 साल के कारावास में तब्दील कर दिया, लेकिन मौत की सजा देने से इनकार कर दिया था.



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