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संपन्न परिवार को नहीं मिली अनुकंपा नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला देते हुए कहा कि संपन्न परिवारों को इसका लाभ नहीं दिया जा सकता. केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त के बेटे की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह अधिकार नहीं, अपवाद है.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

अनुकंपा नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने एक से ज्यादा घर और कई एकड़ जमीन वाले एक युवक को पिता के बाद नौकरी देने से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने उसके पिता के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति चाह रहा था. जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने यह आदेश दिया है.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि जब याचिकाकर्ता अधिक रूप से संपन्न पृष्ठभूमि से आता है, तो अनुकंपा नियुक्ति को कैसे सही ठहराया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि आप अनुकंपा नियुक्ति को बेतुकी सीमा तक नहीं बढ़ा सकते. आप केंद्रीय उत्पाद शुल्क के प्रधान आयुक्त के बेटे है.

सुप्रीम कोर्ट पहले भी यह कहता रहा है कि अनुकंपा नियुक्ति को अधिकार के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. साथ ही ऐसी नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों का जरूरी मानदंडों को पूरा करना अनिवार्य है. याचिकाकर्ता रवि कुमार जेफ के पिता  उत्पाद शुल्क विभाग में प्रधान आयुक्त के पद पर कार्यरत थे और 27 अगस्त 2015 को सेवा काल के दौरान ही उनकी मौत हो गई.

इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने और ट्रिब्यूनल ने भी खारिज कर दिया था. जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. दिवंगत सरकारी कर्मचारी के परिवार में पत्नी के अलावे बेटा और बेटी है. दोनों बेरोजगार है और उनकी शादी नही हुई है. परिवार को 85 हजार रुपए मासिक पेंशन मिलती है, उनके पास 33 एकड़ कृषि भूमि है, उनके गांव में एक आवासीय घर था और जयपुर में भी एक घर है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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