
टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामुला से सांसद राशिद इंजीनियर की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका का एनआईए ने विरोध किया है. राशिद इंजीनियर ने संसद के बजट सत्र में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है, जो 31 जनवरी से शुरू हुआ और चार अप्रैल को खत्म हो रहा है. जस्टिस विकास महाजन की बेंच 6 फरवरी अगली सुनवाई करेगी. जस्टिस महाजन ने मांगे गए स्पष्टीकरण की स्थिति का पता लगाने के लिए हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया.
पिछली सुनवाई में एनआईए ने कहा था कि यह अंतरिम जमानत प्रावधान के दुरुपयोग का एक उत्कृष्ट मामला है. जब संबंधित अभियुक्तों द्वारा असहनीय दुख और पीड़ा प्रदर्शित की जाती है, तो इसका इस्तेमाल संयम से किया जाना चाहिए.
मामले की सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने अंतरिम जमानत का विरोध किया है. वही राशिद इंजीनियर के वकील एन हरिहरन ने कहा कि मैं सभी आपत्तियों को पूरा करने के लिए तैयार हूं. मैं सिर्फ अंतरिम जमानत मांग रहा हूं. केस की मेरिट पर हम बाद में विचार कर सकते है. उन्होंने यह भी कहा पहले राशिद को चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल मिली थी. राशिद इंजीनियर ने पहले भी शर्ते पूरी की है.
उन्होंने यह भी कहा कि राशिद को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए 25 दिनों के लिए अंतरिम जमानत मिली थी. साथ ही जब राशिद के पिता की तबियत खराब थी, तब भी अंतरिम जमानत मिली थी. इस दौरान राशिद ने जमानत के शर्तो का उल्लंघन नही किया है. इसके अलावे राशिद को दो बार और अंतरिम जमानत मिली है, जिस दौरान उनका आचरण सही था.
कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई से कर दिया इनकार
24 दिसंबर 2024 को पटियाला हाउस कोर्ट ने राशिद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था. उसके पहले राशिद इंजीनियर को शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी इससे पहले राशिद इंजीनियर को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिल चुकी है. लेकिन आगे की अंतरिम जमानत की अवधि को कोर्ट ने बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद राशिद इंजीनियर ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था.
राशिद इंजीनियर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था. राशिद इंजीनियर शेख अब्दुल रशीद के नाम से भी जाना जाता है. वह 2017 के आतंकवादी वित्तपोषण (आतंकी फंडिंग) मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से जेल में बंद है.
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-भारत एक्सप्रेस
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