Elephantiasis: जैसा कि आप सभी जानते हैं मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और गैस्ट्रोएन्टराइटिस जैसी घातक बीमारियां होती हैं. यह बातें जान लेना इसलिए जरूरी है क्योंकि बारिश की वजह से मच्छर पैदा होता है. मॉनसून के मौसम में मच्छरों का प्रकोप और बढ़ जाता है. जो आपको शारीरिक रूप से लाचार बना सकता है. जिसकी वजह से एलिफंटाइटिस जैसी बीमारियां फैलने लगती है. पर क्या आप जानते है कि एलिफंटाइटिस क्या होता है. यह बीमारी एक परजीवी के कारण फैलती है जो कि मच्छर के काटने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है. तो आइए जानते हैं क्या है इस बीमारी के लक्षण और किस तरह से ये बीमारी आपको प्रभावित कर सकती है.
क्या है एलिफंटाइटिस?
एलिफंटाइटिस बीमारी को फाइलेरिया कहा जाता है. आम भाषा में इसे हाथी पांव कहते है. बता दें कि यह एक तरह का संक्रमण रोग है जो कि फाइलेरिया बैंक्रॉफ्टी नामक के परजीवियों की वजह से होता है. इसका प्रसार क्यूलेकस नाम के विशेष प्रकार के मच्छरों के काटने से होता है. इसे शरीर में सूजन और बुखार हो सकता है. कुछ मामले में शरीर की बनावट बदल जाती है. ज्यादातर पांव में सूजन हो जाती है इससे हमारा लसिका तंत्र संक्रमित हो जाता है. लसिका तंत्र शरीर में फ्लूड के स्तर को संतुलित करता है और आपके शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है. लेकिन जब यह कीड़ा आपको काट लेता है तो लसिका तंत्र असंतुलित हो जाता है. इस वजह से शरीर में सूजन आ जाती है.यह सूजन घटती बढ़ती रहती है. लेकिन जब यह वॉर्म में लसिका तंत्र की नालियों के अंदर मर जाते हैं. तब लिम्फ वेसल के लिए बंद हो जाते हैं और उस स्थान की त्वचा मोटी और कड़ी हो जाती है. कुछ रोगियों में ऑपरेशन के द्वारा लिंफ वेसल्स का नया रास्ता बनाया जाता है.
क्या हैं एलिफंटाइटिस के लक्षण
इस बीमारी से इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है इसकी वजह से शरीर में गंभीर बदलाव आते हैं. जैसे सूजन खासकर के पैरों में देखने को मिल सकता है. इसके अलावा बुखार हो सकता है.आपकी बाहों, पैरों स्तनों में तरल पदार्थों का निर्माण हो सकता है.त्वचा का रंग सामान्य से अधिक गहरा हो जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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