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सियासी किस्से

भाजपा सांसद मेनका गांधी कभी कॉलेज में होने वाले ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं. महज 17 साल की उम्र में उन्होंने पहला विज्ञापन किया था. एक शादी पार्टी में उनकी संजय गांधी से मुलाकात हुई थी.

आज भले ही BJP और RLD के गठबंधन को लेकर राजनीति में तरह-तरह की बातें होती हों, लेकिन ये रिश्ता नया नहीं है. दूसरा, इसे एक बड़ा संयोग ही माना जाएगा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न भी उस समय दिया गया है, जब केंद्र में भाजपा की सरकार है.

राजीव गांधी की रणनीति के हिसाब से ही आखिरी वक्त तक किसी को इस बात की जरा भी जानकारी नहीं थी कि कांग्रेस ने अमिताभ को चुनावी मैदान में उतारा है.

राजीव गांधी ने अमिताभ को 1984 के आम चुनाव में पूरी रणनीति के साथ इलाहाबाद सीट से उतारा और अमिताभ की लोकप्रियता के बीच हेमवती नन्दन बहुगुणा को हार का मुंह देखना पड़ गया था.

वह साल 1984 था, जब देश की सियासत में भूचाल आ गया था. इस दौरान प्रधानमंत्री गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने कांग्रेस पार्टी के साथ ही देश की कमान अपने हाथ में थामी थी.

उस जमाने में तमाम ऐसे नेता रहे हैं, जिनके राजनीति में आने की बाद उनकी संपत्ति नहीं बढ़ी, न ही उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के लिए राजनीति तक पहुंच को आसान बनाया. यही नहीं तमाम ऐसे भी रहे, जिनके पास अपना कोई घर नहीं रहा, बल्कि वे ताउम्र किराये के मकानों में गुजर-बसर करते रहे.

चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में करीब 17.32 करोड़ मतदाता देश में थे, जिसमें से 85 फीसदी मतदाता साक्षर नहीं थे.

यूपी के मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में करीब ढाई दशक से भी अधिक समय से सपा का राज रहा है. इसे मुलायम सिंह का गढ़ कहा जाता है. इसके चलते यह हर चुनाव में सुर्खियों में रहता है.

Lok Sabha Elections: 2024 के लोकसभा चुनावों की मतदान अवधि दूसरी सबसे लंबी अवधि है. इस बार के चुनाव 44 दिनों और 7 चरणों में संपन्न होंगे.

Siyasi Kissa: टीएन शेषन अक्सर कहा करते थे कि "मैं नाश्ते में नेताओं को खाता हूं." उनके बारे में एक और बात कही जाती थी कि नेता या तो भगवान से डरते हैं या फिर शेषन से.