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Aaj Ka Panchang 14 May 2025: ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Aaj Ka Panchang 14 May 2025: 14 मई 2025 को ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि, अनुराधा नक्षत्र, परिध योग. राहुकाल 12:17-1:58. अभिजीत मुहूर्त नहीं. चंद्रमा वृश्चिक राशि में. सूर्योदय 5:32, सूर्यास्त 7:02.

Aaj Ka Panchang 6 july 2025
Edited by Akansha

Aaj Ka Panchang 14 May 2025: 14 मई 2025 को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि होगी. इस दिन अनुराधा नक्षत्र और परिध योग का संयोग रहेगा. शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस बुधवार को अभिजीत मुहूर्त नहीं होगा. राहुकाल दोपहर 12:17 से 1:58 बजे तक रहेगा. चंद्रमा इस दिन वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे.

हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग (Aaj Ka Panchang 14 May 2025) भी कहा जाता है, समय और काल की सटीक गणना का आधार है. पंचांग पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण – से मिलकर बनता है. इस दैनिक पंचांग में हम आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्रमा की स्थिति, हिंदू मास, पक्ष आदि की जानकारी प्रदान करते हैं.

14 मई 2025 का पंचांग विवरण

14 मई 2025 को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि रात 2:29 बजे तक रहेगी. इस दिन अनुराधा नक्षत्र सुबह 11:46 बजे तक और परिध योग सुबह 6:33 बजे तक प्रभावी होगा. प्रथम करण तैतिल दोपहर 1:35 बजे तक और द्वितीय करण गर रात 2:29 बजे तक रहेगा. चंद्रमा वृश्चिक राशि में गोचर करेगा. सूर्योदय सुबह 5:32 बजे और सूर्यास्त शाम 7:02 बजे होगा. राहुकाल दोपहर 12:17 से 1:58 बजे तक रहेगा. यह दिन विक्रमी संवत् 2082 और शक संवत् 1947 (विश्वावसु) के अंतर्गत आएगा. इस दिन अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं होगा, इसलिए शुभ कार्यों के लिए अन्य शुभ समय का ध्यान रखें.

पंचांग के पांच अंग

तिथि

हिंदू काल गणना के अनुसार, चंद्रमा का सूर्य से 12 अंश आगे बढ़ने में लिया गया समय तिथि कहलाता है. एक माह में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बंटी होती हैं. शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है.

तिथियों के नाम: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा.

नक्षत्र

आकाश में तारों के समूह को नक्षत्र कहते हैं. कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनका स्वामित्व नौ ग्रहों को प्राप्त है.

नक्षत्रों के नाम: अश्विन, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती.

वार

सप्ताह के सात दिन वार कहलाते हैं, जो ग्रहों के नाम पर आधारित हैं.

वार के नाम: सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार.

योग

सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरी के आधार पर 27 योग बनते हैं.

योगों के नाम: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यतीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, वैधृति.

करण

एक तिथि में दो करण होते हैं – पहला तिथि के पूर्वार्ध में और दूसरा उत्तरार्ध में. कुल 11 करण हैं.

करणों के नाम: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किस्तुघ्न.

विष्टि करण को भद्रा कहते हैं, जिसमें शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं.

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-भारत एक्सप्रेस



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