

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष स्थान है, और इस वर्ष यह पावन पर्व आज 30 मार्च, रविवार से आरंभ हो रहा है. प्रत्येक वर्ष नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा किसी विशेष वाहन पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं और फिर किसी वाहन से ही अपने लोक को प्रस्थान करती हैं. माना जाता है कि मां के वाहन से भविष्य में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत मिलता है. इस वर्ष मां दुर्गा का वाहन क्या होगा, और इसका पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए जानते हैं.
कैसे तय होती है मां दुर्गा की सवारी?
नवरात्रि में मां दुर्गा का वाहन सप्ताह के दिन के अनुसार निर्धारित होता है.
सोमवार या रविवार से नवरात्रि प्रारंभ – माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, जो अधिक वर्षा और समृद्धि का संकेत देता है.
मंगलवार या शनिवार से नवरात्रि प्रारंभ – घोड़े पर आगमन होता है, जो सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है.
गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि प्रारंभ – डोली में आगमन होता है, जो अशांति, रक्तपात और जन-धन हानि का संकेत देता है.
बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ – नाव से आगमन होता है, जो प्राकृतिक आपदाओं और समृद्धि दोनों का संकेत देता है.
इसका उल्लेख शास्त्रों में निम्नलिखित श्लोक के माध्यम से भी किया गया है:
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता।।
गजे च जलदा देवी छत्र भंगस्तुरंगमे।
नौकायां सर्व सिद्धि स्यात् डोलायां मरणं ध्रुवम्।।
माँ दुर्गा का हाथी पर आगमन और प्रस्थान
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ और समापन दोनों ही रविवार को हो रहे हैं. इसका अर्थ है कि माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर ही वापस जाएंगी.
हाथी पर मां दुर्गा के आगमन का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है. हाथी समृद्धि, शांति और ऐश्वर्य का प्रतीक होता है. जब माँ दुर्गा हाथी पर आती हैं, तो यह संकेत देता है कि देश में अच्छी वर्षा होगी, जिससे कृषि में उन्नति होगी और अन्न-धान्य की प्रचुरता रहेगी. इसके साथ ही आर्थिक तरक्की और समृद्धि का भी योग बनता है.
चूंकि इस वर्ष मां दुर्गा हाथी पर ही विदाई लेंगी, इसका अर्थ है कि माता रानी जाते-जाते भी अपने भक्तों को सुख-शांति, धन-वैभव और उन्नति का आशीर्वाद देकर प्रस्थान करेंगी.
चैत्र नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा का हाथी पर आगमन और प्रस्थान एक अत्यंत शुभ संकेत है. इससे अच्छी बारिश, आर्थिक समृद्धि और समाज में शांति का संचार होने की संभावना प्रबल है. भक्तों के लिए यह एक शुभ संयोग है, जिसमें वे मां दुर्गा की उपासना कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त कर सकते हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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