मकर संक्रांति 2025.
Makar Sankranti 2025 Date: सनातन धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी राशियों का राजा कहा गया है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य के गोचर से खरमास का समापन होता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में मकर संक्रांति कब है, स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और इस त्योहार का धार्मिक महत्व क्या है.
2025 में कब है मकर संक्रांति
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी (मंगलवार) को है. मकर संक्रांति के लिए पुण्य काल सुबह 9 बजकर 03 मिनट से शुरू होगा. जबकि, इसका समापन शाम 6 बजकर 21 मिनट पर होगा.
मकर संक्रांति 2025 पुण्य काल और महा पुण्य काल
साल 2025 में मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल 9 घंटे 17 मिनट का रहेगा. इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन महापुण्य काल सुबह 9 बजकर 03 मिनट से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 10 बजकर 54 मिनट पर होगा. महापुण्य काल की कुल अवधि 1 घंटा 51 मिनट की रहेगी. ऐसे में पुण्य काल और महा पुण्य काल के दौरान स्नान और दान किया जा सकता है.
मकर संक्रांति महत्व
मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गंगा स्नान, दान, व्रत और सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. इस दिन शनि देव के लिए दीप दान का भी बड़ा महत्व है. इस दिन तिल और गुड़ की मिठाई और पकवान बनाए जाते हैं. इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन कई जगहों पर पतंग उड़ाने की परंपरा भी है. इतना ही नहीं, मकर संक्रांति के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
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