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आईपीएल 2025 में Impact Player Rule: क्या यह नियम बदल रहा खेल का रुख, या टीमों के लिए खड़ी कर रहा है मुसीबत?

IPL 2025 की शुरुआत 22 मार्च से होने जा रही है, लेकिन इससे पहले 2023 में शुरू हुआ एक नियम आज भी चर्चा में है- ‘इम्पैक्ट प्लेयर रूल’. इस नियम ने टी-20 क्रिकेट में रणनीति को नया आयाम दिया है.

Impact Player Rule
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Impact Player Rule: IPL 2025 की शुरुआत 22 मार्च से होने जा रही है, लेकिन इससे पहले 2023 में शुरू हुआ एक नियम आज भी चर्चा में है- ‘इम्पैक्ट प्लेयर रूल’. इस नियम ने टी-20 क्रिकेट में रणनीति को नया आयाम दिया है. आइए जानते हैं कि यह नियम क्या है, कैसे काम करता है, इसके फायदे-नुकसान क्या हैं और इसका लीग पर क्या प्रभाव पड़ सकता है.

क्या है ‘इम्पैक्ट प्लेयर रूल’

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल), दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिकेट लीग, में 10 टीमें खिताब के लिए आपस में भिड़ती हैं. 2023 में बीसीसीआई और आईसीसी ने आईपीएल में कुछ नए नियम लागू किए, जो पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देखे जा चुके थे. इनमें सबसे खास है ‘इम्पैक्ट प्लेयर रूल’. इसके तहत टॉस के बाद हर टीम अपनी प्लेइंग इलेवन के साथ-साथ पांच अतिरिक्त खिलाड़ियों के नाम दे सकती है.

मैच के दौरान किसी भी समय इनमें से एक खिलाड़ी, जिसे इम्पैक्ट प्लेयर कहते हैं, प्लेइंग इलेवन के किसी खिलाड़ी की जगह ले सकता है. यह नियम पहले भारत की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में भी लागू हो चुका है. यह टीमों को खेल की परिस्थितियों और रणनीति के हिसाब से लचीलापन देता है.

कैसे काम करता है यह नियम और इसके फायदे

इम्पैक्ट प्लेयर नियम से टीमों को कई फायदे मिलते हैं. सबसे बड़ा लाभ यह है कि टॉस का प्रभाव कम हो जाता है. अब कप्तानों को टॉस के वक्त प्लेइंग इलेवन की शीट देने की जरूरत नहीं है. वे टॉस के बाद पांच सब्स्टिट्यूट खिलाड़ियों के नाम चुन सकते हैं, जिनमें से एक इम्पैक्ट प्लेयर होगा. यह बदलाव टीमों को मौसम, पिच की स्थिति और रणनीति के हिसाब से फैसले लेने की आजादी देता है. हालांकि, विदेशी खिलाड़ियों की संख्या पर सख्ती बरती गई है.

अगर टीम पहले से चार विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेल रही है, तो इम्पैक्ट प्लेयर भारतीय होना चाहिए. लेकिन अगर चार से कम विदेशी खिलाड़ी मैदान पर हैं, तो एक विदेशी खिलाड़ी को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में चुना जा सकता है.

पहली बार कब हुआ इस्तेमाल?

इस नियम का पहला इस्तेमाल आईपीएल 2023 के उद्घाटन मैच में देखने को मिला. चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और गुजरात टाइटंस (जीटी) के बीच खेले गए इस मुकाबले में दोनों टीमों ने इम्पैक्ट प्लेयर का उपयोग किया. गुजरात टाइटंस ने घुटने की चोट से जूझ रहे केन विलियमसन की जगह तमिलनाडु के बल्लेबाज साई सुदर्शन को मैदान पर उतारा. वहीं, सीएसके ने बल्लेबाज अंबाती रायुडू की जगह गेंदबाज तुषार देशपांडे को चुना.

फायदे और नुकसान

फायदे: 

  • टॉस की भूमिका कम होने से खेल में संतुलन आता है.
  • टीमों को रणनीतिक लचीलापन मिलता है, जैसे बल्लेबाजी या गेंदबाजी को मजबूत करने का विकल्प.
  • चोटिल खिलाड़ियों को आसानी से बदला जा सकता है.

नुकसान: 

  • ऑलराउंडर खिलाड़ियों की अहमियत कम हो सकती है, क्योंकि टीमें विशेषज्ञ बल्लेबाज या गेंदबाज को प्राथमिकता दे सकती हैं.
  • बार-बार बदलाव से खेल की निरंतरता प्रभावित हो सकती है.
  • छोटी टीमों के लिए यह नियम रणनीति बनाने में जटिलता बढ़ा सकता है.

लीग पर असर

इम्पैक्ट प्लेयर रूल से आईपीएल में रोमांच और प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है. टीमें अब ज्यादा प्रयोग कर सकती हैं, जिससे मैच के नतीजे अंतिम ओवर तक अनिश्चित रह सकते हैं. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे खेल का पारंपरिक स्वरूप प्रभावित हो सकता है. आईपीएल 2025 में यह नियम और परिपक्व होकर सामने आएगा, जिसका असर लीग की रणनीतियों और दर्शकों के अनुभव पर साफ दिखेगा.

इस तरह, इम्पैक्ट प्लेयर रूल ने आईपीएल को और भी रोचक बना दिया है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव को समझने के लिए अभी और समय चाहिए.


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-भारत एक्सप्रेस



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