गोविंदानंद सरस्वती के खिलाफ दायर मानहानि मामले में 17 सितंबर को सुनवाई करेगा दिल्ली हाई कोर्ट
गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुछ पेपर भी दिखाए थे. उन्होंने प्रियंका गांधी द्वारा अविमुक्तेश्वरानंद को 13 सितंबर 2022 को लिखे एक पत्र को प्रमाण के तौर पर दिखाया था.
शशि थरूर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका, आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने से अदालत का इनकार
28 अक्टूबर 2018 को बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवलिंग पर बैठा बिच्छू कहा था.
बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेड़कर को कोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर इस तारीख तक लगी रोक
Puja Khedkar case: दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पूजा खेड़कर के खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर आरोप हैं.
महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न केस में WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने किया हाईकोर्ट का रुख, FIR रद्द करने की अपील की
WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में इस मामले में दर्ज प्राथमिकी एवं आरोप तय होने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
“अगर फाइल गायब है तो अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेंगे”, जानें किस File को पेश करने का आदेश दिल्ली हाई कोर्ट ने ASI को दिया
कोर्ट ने कहा कि फाइल 21 मई, 2018 को उसके समक्ष पेश की गई थी और उसके बाद फिर से पेश करने को कहा गया था. गत आदेशों के अनुसार इस मामले की सुनवाई के लिए मंत्रालय की फाइल तैयार रखी जानी थी.
“डीपफेक समाज में एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है”, मामले में दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
कोर्ट ने कहा कि एआई और डीपफेक टेक्नोलॉजी किसी की निजता के हनन के लिए नही होना चाहिए और इसका दुरुपयोग रोकने के लिए दिशा निर्देश तय करने चाहिए
अप्राकृतिक यौन संबंध से जुड़े प्रावधान को BNS से बाहर करने का मामला, हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए ये निर्देश
नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) में पुरुष या स्त्री किसी के साथ भी अप्राकृतिक यौन संबंध के तहत गैर-सहमति वाले कृत्यों को अपराध की श्रेणी में रखने का कोई प्रावधान नहीं है.
ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे में गिरफ्तार बेसमेंट के सह मालिकों ने खटखटाया दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा
सीबीआई ने कहा था कि बेसमेंट ही अवैध तरीके से बनी हुई थी. सीबीआई ने यह भी कहा था कि जब लीज़ डीड बनाई गई तो उसके लिए उचित इजाज़त भी नहीं ली गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने नशे की हालत में अदालत में पेश होने को आपराधिक अवमानना माना और उसके तहत दी गई सजा को रखा बरकरार
अपील लंबित रहने के दौरान वह पांच महीने एवं 22 दिन की सजा काट चुका था. हाईकोर्ट ने जेल में बिताई गई सजा को ही सजा माना और उसे आगे की सजा नहीं दी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग की मांग वाली याचिका खारिज की
दिल्ली हाई कोर्ट ने अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि पहले से ही पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और तकनीकी चुनौतियों की परवाह किए बिना कठोर समयसीमा लागू करना विवेकपूर्ण नहीं होगा.