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Delhi High Court

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि यद्यपि मामले की सुनवाई कटाई के चार दिन बाद की गई थी, लेकिन न्यायालय को दिल्ली वन विभाग द्वारा दी गई अनुमति के बारे में अवगत नहीं कराया गया था।

इस व्यवस्था के तहत न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा एवं न्यायमूर्ति विकास महाजन 1 जून से 8 जून तक तक आवश्यक मामलों की सुनवाई करेंगे।

पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा आप दिल्ली में रहते हैं या नहीं? हम वहां कई बार पैदल गए हैं, समस्या कहां है? माफ़ करें। यह बिल्कुल गलत है। हम तय नहीं कर सकते कि फ्लाईओवर कहां होने चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में हजारों साधु, बाबा, फकीर और गुरु हैं. अगर उनमें से हर एक को सार्वजनिक भूमि पर मंदिर या समाधि स्थल बनाने की अनुमति दी गई तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे.

न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने हाल ही में कहा कि इस उद्देश्य के लिए सरकार से किसी पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है और सरकार के शिक्षा विभाग (डीओई) द्वारा विनियमन की सीमा प्राचार्यों और शिक्षकों की योग्यता और अनुभव निर्धारित करने तक सीमित है।

न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने कहा कि फुटपाथों पर अतिक्रमण के कारण लोग सड़कों पर चलने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे उनकी जान को खतरा हो रहा है।

विभव कुमार ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया इसके साथ ही जबरदस्ती कस्टडी में रखने का मुआवजा भी मिले और पुलिस वालों के खिलाफ विभागीय जांच हो।

विदाई कार्यक्रम में हाईकोर्ट के सभी साथी न्यायमूर्ति, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति सचदेवा और न्यायमूर्ति राव के परिवार के सदस्य तथा वकील शामिल हुए।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने लापरवाह और निराधार आरोप लगाए हैं. उसका उद्देश्य बिना किसी आधार के गलत आरोप लगाना है.

अदालत ने कहा कि डीडीए को अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने की पूरी स्वतंत्रता होगी और याचिकाकर्ता सोसायटी तथा उसके सदस्य इस ध्वस्तीकरण प्रक्रिया में कोई बाधा या रुकावट पैदा नहीं करेंगे.