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Gyanvapi case

यह फैसला जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच द्वारा सुनाया गया है. इस केस में 8 दिसंबर को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सर्वे 100 दिनों के लिए आयोजित किया गया है, इस दौरान एएसआई ने कई बार विस्तार मांगा है. सर्वेक्षण लगभग एक महीने पहले समाप्त हो गया था और एएसआई ने अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था.

Varanasi: हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि, वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया जा रहा है. वजूखाने के सर्वेक्षण के बिना ज्ञानवापी परिसर का सच सामने नहीं आ सकता.

इलाहाबाद हाईकोर्ट इससे पहले ज्ञानवापी में मुस्लिम पक्ष के द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर चुका है.

Survey In Gyanvapi Campus : सर्वे को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच तल्खी बढ़ रही थी. इसी को देखते हुए मंडलायुक्त और पुलिस आयुक्त ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की और नई व्यवस्था की जानकारी दी. इसी के साथ कहा कि न्यायालय की लड़ाई को बाहर नहीं लाया जाए.

Gyanvapi Survey: मस्जिद में तकरीर देते हुए मेरठ के शहर काजी शफीकुर्रहमान कासमी ने कहा कि, मुसलमानों को जिंदादिली के साथ रहना है. अगर कोई बुजदिल है तो वह मुसलमान नहीं है.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आज (6 अगस्त) तीसरा दिन है. रविवार को सुबह से ही एएसआई की टीम सर्वे कर रही है.

तौकीर रजा ने कहा कि, तुम्हारा उस शिवलिंग से ज्यादा महत्वपूर्ण कैलाश मानसरोवर कैलाश पर्वत है. उसको दोबारा हिंदुस्तान में लाया जा सकता है. हमारी जरूरत हो तो हम भी आपके साथ खड़े है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट से ज्ञानवापी का सर्वे करने के लिए ASI को हरी झंडी मिलने के बाद आज (4 अगस्त) से दोबारा सर्वे का काम शुरू हो गया है.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वे पर रोक लगाने वाले मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.