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Hindenburg research

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका की बदनाम फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने बड़ी चालाकी दिखाई है, उसने भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि अडानी, सेबी और सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया है.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में दावों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले अदानी समूह के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन के निर्माण के सबूत थे.

Adani vs Hindenburg: वार्षिक रिपोर्ट में अडानी ने कहा कि अमेरिकी शॉर्टसेलर ने हमारे गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिपोर्ट प्रकाशित की.

सोचने लायक बात ये भी है कि अगर अडानी समूह अपनी निर्माणाधीन परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं कर पाता है तो क्या होगा? इसका खामियाज़ा भारतीय अर्थव्यवस्था को भुगतना होगा।

Adani Enterprises FPO: शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को मंगलवार को बिक्री के आखिरी दिन गैर-खुदरा निवेशकों का समर्थन मिला.

साख के साथ-साथ हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट जारी करने की टाइमिंग को लेकर भी सवालों के घेरे में है। रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) से पहले आई है। 

Hindenburg Research: हिंडनबर्ग का दावा है कि अडानी ग्रुप की सात प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं. वहीं अडानी ग्रुप ने फर्म के तमाम आरोपों को खारिज किया है.

Adani Group Stocks: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आने के बाद शुक्रवार को भी अडानी ग्रुप के शेयरों की बिकवाली जारी रही. 

Adani Group: जुगेशिंदर सिंह ने कहा कि रिपोर्ट चुनिंदा गलत सूचनाओं और बासी, निराधार और बदनाम आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है जिसे भारत के उच्चतम न्यायालयों द्वारा परीक्षण और खारिज कर दिया गया है.