Siyasi Kissa: जब एक चुनावी रैली के दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री की कर दी गई थी नृशंस हत्या
ये वो समय था, जब 10वीं लोकसभा के लिए देश में चुनाव हो रहे थे. ये राजनीतिक अस्थिरता का दौर था और अर्थव्यवस्था भी गहरे संकट से गुजर रही थी.
Siyasi Kissa: क्या एक पार्टी के दौरान इंदिरा गांधी पर उनके बेटे संजय गांधी ने हाथ उठाया था?
इमरजेंसी के दौरान पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी पत्रकार लुईस एम. सिमंस को भारत से निर्वासित कर दिया गया था. उस जमाने में उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के लिए एक खबर लिखी थी, जिसमें बताया था कि एक पार्टी के दौरान संजय गांधी ने अपनी मां इंदिरा गांधी को थप्पड़ मार दिया था.
चुनावी नारा: जमीन गई चकबंदी में, मकान गया हदबंदी में, द्वार खड़ी औरत चिल्लाए, मरद गया नसबंदी में
आपातकाल के दौरान नागरिक स्वतंत्रता और अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था. इसी दौरान इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने नसबंदी का एक विवादास्पद अभियान चला रखा था. उसी दौरान यह नारा काफी चर्चित हुआ था.
Siyasi Kissa: जब बेटे के फोटो कांड ने बाबू जगजीवन राम से छीन लिया था प्रधानमंत्री बनने का मौका!
इंदिरा गांधी 1977 के आम चुनावों में हार चुकी थीं और सत्ता में दोबारा वापसी के लिए तमाम गुणा-गणित लगा रही थीं. इन सबके बीच तत्कालीन जनता पार्टी की सरकार में उप-प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम का दावा भी प्रधानमंत्री पद के लिए मजबूत माना जा रहा था.
Siyasi Kissa: एक फिल्म के चलते जब देश में मच गया था बवाल, प्रधानमंत्री के बेटे को हुई थी जेल
फिल्म ‘किस्सा कुसी का’ का निर्देशन अमृत नाहटा ने किया था. यह एक राजनीतिक व्यंग्य थी. फिल्म में शबाना आजमी, उत्पल दत्त, रेहाना सुल्तान, सुरेखा सीकरी और राज किरण प्रमुख भूमिकाओं में थे.
Siyasi Kissa: मॉडल और पत्रकार रह चुकीं मेनका गांधी का इस तरह शुरू हुआ था राजनीतिक करिअर, पहली बार दिखी थीं इस विज्ञापन में
भाजपा सांसद मेनका गांधी कभी कॉलेज में होने वाले ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं. महज 17 साल की उम्र में उन्होंने पहला विज्ञापन किया था. एक शादी पार्टी में उनकी संजय गांधी से मुलाकात हुई थी.
भाजपा, चुनावी बॉन्ड और राजनीतिक फंडिंग का विकास
यह स्वीकार करना आवश्यक है कि राजनीतिक फंडिंग में भाजपा का प्रभुत्व उसकी चुनावी सफलता और लोकप्रियता का प्रतिबिंब है। हालाँकि, इसे एक जीवंत और प्रभावी विपक्ष की आवश्यकता पर हावी नहीं होना चाहिए। इमरजेंसी और गठबंधन की राजनीति के दौर में ऐतिहासिक प्रसंगों से मिले सबक, राष्ट्र के लोकतांत्रिक ढांचे की सुरक्षा के लिए नियंत्रण और संतुलन के महत्व को रेखांकित करते हैं।
Dhiraj Sahu case: लग्जरी गाड़ियां और महंगे शौक रखते हैं धीरज साहू, बंगले का नाम रखा है ‘व्हाइट हाउस’, कभी ठहरती थीं इंदिरा गांधी
Dhiraj Sahu case: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े ठिकानों पर आयकर विभाग के पड़े छापे में 354 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं.
Indira Gandhi Murder : जिस बेअंत ने Rahul को सिखाया बैडमिंटन, उसी ने इंदिरा को मारी पहली गोली
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज ही की तारीख यानी 31 अक्टूबर 1984 को उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद से देश सन्न हो गया था. इंदिरा गांधी की हत्या से पहले और उसके बाद देश में बहुत कुछ घटा.
“धोखे के बदले मिलेगी मौत…”, इंदिरा गांधी की हत्या से पहले बेअंत ने साथी सतवंत को दी थी धमकी
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा की सुरक्षा बढ़ा दी गई. हालांकि उन्होंने अपनी सुरक्षा पुलिस से सेना को सौंपने से इनकार कर दिया, लेकिन भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के कमांडो को उनकी सुरक्षा टीम में शामिल कर लिया गया.