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Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में हैदराबाद सीट से बीजेपी ने माधवी लता को अपना उम्मीदवार बनाया है. माधवी लता AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.

एक समय था जब भारत में निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा था. 1957 के दूसरे आम चुनाव में 42 उम्मीदवार लोकसभा पहुंचे थे. वहीं 1991 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक निर्दलीय ही लोकसभा पहुंचा था.

PM मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में देश हित में जो कार्य किए हैं, उसकी वजह से आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. सीएम योगी ने चुनावी रैली में इस तरह भाजपा सरकार की तारीफों के पुल बांधे —

पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण के मतदान से पहले चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए बंगाल के जलपाईगुड़ी पहुंचे. यहां उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए टीएमसी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

झारखंड के गढ़वा जिले मंं स्थित के बूढ़ा पहाड़ बूढ़ा पहाड़ अभी तक नक्सलियों के चंगुल में था. साल भर पहले ही सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र को नक्सलियों के चंगुल से आजाद कराया है. यहां 13 मई को वोट पड़ेंगे.

सीएम योगी ने किसानों के बारे में कहा कि पहले 10-10 साल गन्ना किसानों को भुगतान नहीं होता था, ऐसे में वे साहूकारों से सूद पर पैसा लेने के लिए मजबूर रहते थे.

झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन के नेतृत्व में हुई झामुमो की बैठक में आज सात जिलों रांची, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, चतरा, सिमडेगा और लातेहार के जिलाध्यक्ष पहुंचे. झामुमो ने विपक्ष के इंडिया गठबंधन की रैली के लिए कमर कसी.

लोकसभा चुनाव—2024 के दरम्यान झारखंड के कांग्रेस कार्यकर्ता पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ वाला कार्ड घर-घर जाकर बांटेंगे। वे लोगों को बताएंगे कि कांग्रेस सरकार आने पर कितने अच्छे-अच्छे काम करेंगे। उनका ख्वाब है— राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.

PM मोदी 4 दिन में तीसरी बार राजस्थान के दौरे पर पहुंचे. उन्होंने अजमेर में जनसभा की. राम मंदिर को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए चैलेंज दिया कि आने वाली रामनवमी को देश धूमधाम से मनाएगा, कांग्रेस विरोध कर सकती हो तो करे.

Lok Sabha election 2024 Congress Manifesto: जानकारों की मानें तो साल 2019 की तुलना में यह घोषणा पत्र काफी कमजोर है. पिछले आम चुनाव में कांग्रेस न्याय योजना लेकर आई थी. इस योजना के जरिए भारत के गरीब परिवारों को हर महीना 6 हजार रुपए देने का वादा किया गया था.