उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद की रहने वाली एक महिला को संभल हिंसा का वीडियो देखना और पुलिस की कार्रवाई की तारिफ करना भारी पड़ गया. महिला को उनके पति ने तलाक दे दिया. महिला ने कहा कि बिना किसी वजह के उनके पति ने उन्हें तीन बार तलाक बोलकर उन्हें तलाक दे दिया. अब महिला ने अपने पति के खिलाफ पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई है.
यूट्यूब वीडियो देखना पड़ा भारी
मुरादाबाद की रहने वाली निदा ने अपने पति एजाजुल के खिलाफ तलाक देने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. महिला ने कहा, ‘मैं एक वीडियो देख रही थी, क्योंकि मुझे एक शादी के लिए संभल जाना था. मुझे कुछ निजी काम भी था. इसलिए मैं यह जांच रही थी कि वहां जाना सुरक्षित है या नहीं. तभी मेरे पति ने मुझसे पूछा कि मैं वीडियो क्यों देख रही हूं. मैंने कहा कि जो गलत है, वह गलत है. हर किसी को अपना बचाव करने का अधिकार है.’ट
पति ने दिया ट्रिपल तलाक
निदा ने दंपत्ति के बीच झगड़े की शुरुआत के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “यह सुनते ही उसने कहा कि तुम मुसलमान नहीं हो; तुम काफिर हो. तुम पुलिस का समर्थन करती हो. उसने मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. उसने कहा कि मैं तुम्हें अब और नहीं रखूंगा, चाहे तुम कुछ भी करो और उसने तीन तलाक बोल दिया. फिर उसने कहा कि उसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है.
पुलिस ने क्या कहा
मुरादाबाद के सिटी पुलिस अधीक्षक रणविजय सिंह ने बताया, ‘एक महिला ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि वह संभल से संबंधित एक यूट्यूब वीडियो देख रही थी, जिसके कारण पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ. पति ने उसे वीडियो न देखने के लिए कहा और जब वह नहीं मानी, तो उसने तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म कर दी.’
संभल विवाद क्या है
दरअसल, बीते 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण को लेकर विवाद हो गया था. सर्वेक्षण का आदेश एक याचिका पर आया था, जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर पहले हरिहर मंदिर था. 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी, जब मस्जिद का फिर से सर्वेक्षण किया जा रहा था. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोग मारे गए और अन्य घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि इस घटना में कुल 29 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
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भारत में ट्रिपल तलाक प्रतिबंध
‘ट्रिपल तलाक’ एक विवादास्पद प्रथा है, जिसके तहत मुस्लिम पुरुष तीन बार ‘तलाक’ कहकर अपनी पत्नियों को तुरंत तलाक दे सकते हैं, हालांकि, साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया था. शीर्ष अदालत ने इसे “असंवैधानिक” कहा था. 2019 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक मुस्लिम पुरुष के अपनी पत्नी को तुरंत तलाक देने के सदियों पुराने अधिकार को गैरकानूनी घोषित करने वाले विधेयक को भी मंजूरी दी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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