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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पुलिस विवेचना और चार्जशीट में लापरवाही पर तय होगी जवाबदेही, शीर्ष अधिकारियों तक होगी जांच

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साइबर अपराध व डिजिटल साक्ष्य की जांच में सुधार हेतु तकनीकी प्रशिक्षण देने के साथ पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. चार्जशीट प्रस्तुत करने से पहले सर्कुलर व कोर्ट निर्देशों का पालन अनिवार्य किया गया है.

Karkardooma Court of Delhi

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट

:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बढ़ते साइबर अपराध व डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा करने की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रदेश की अपराध विवेचना पुलिस को तकनीकी प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है और कहा है कि सभी विवेचना अधिकारी चार्जशीट या पुलिस रिपोर्ट पेश करने से पहले,डी जी पी के 19फरवरी 18 को जारी सर्कुलर व कोर्ट के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करे.

कोर्ट ने पहली बार कठोर कदम उठाते हुए विवेचना अधिकारी से लेकर जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की चार्जशीट या पुलिस रिपोर्ट पेश करने में लापरवाही बरतने की जवाबदेही तय की है और सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पुलिस रिपोर्ट में निर्देशों का पालन न करने की संबंधित अनुशासनिक अधिकारियों को सूचित करें ताकि लापरवाही के लिए ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की जा सके.

यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकलपीठ ने सुभाष चन्द्र व छः अन्य के खिलाफ चल रहे आपराधिक केस कार्यवाही को रद करते हुए दिया है. इस मामले में 18 दिन में विवेचना कर पुलिस रिपोर्ट दाखिल कर दी गई थी.

लापरवाही की सूचना देना अनिवार्य: कोर्ट

कोर्ट ने अपने फैसले के निर्देश 33.5व 33.8का पालन करने का निर्देश दिया है.और कहा है कि इनका पालन किए बगैर यदि पुलिस रिपोर्ट या चार्जशीट दाखिल की जाती है तो सक्षम न्यायिक अधिकारी पुलिस कमिश्नर,एस एस पी/एस पी को तुरंत सूचित करे,और विवेचना अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश जारी करें.

कोर्ट ने कहा यदि निर्देश 33.6का विवेचना अधिकारी व पुलिस कमिश्नर,एस एस पी /एस पी द्वारा पालन नहीं किया जाता तो संबंधित न्यायिक अधिकारी तुरंत अपर मुख्य सचिव गृह व डी जी पी को कार्यवाही के लिए सूचना भेजें.

आगे कोर्ट ने कहा उम्रकैद की सजा वाले अपराध की विवेचना पूरी होने व चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट पेश करने से पहले अभियोजन अधिकारी को पुनर्विलोकन के लिए नहीं भेजी गई तो इस लापरवाही की प्राथमिकता जवाबदेही एस एच ओ की होगी.

कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर/,एस एस पी /एस पी को निर्देश दिया है कि 19फरवरी 18के सर्कुलर के अनुपालन की मासिक रिपोर्ट तैयार कर डी जी पी उ प्र व महानिदेशक अभियोजन को भेजनी होगी. कोर्ट ने गृह विभाग,डी जी पी व महानिदेशक अभियोजन को नये सिरे से सर्कुलर जारी करने का भी निर्देश दिया है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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