

Meerut News: उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने एक सख्त और निर्णायक कदम उठाया है. चोरी के वाहनों के कटान प्रकरण में लिप्त पाए गए लोहियानगर थाने के थानेदार सहित तीन पुलिसकर्मियों को न केवल लाइन हाजिर कर दिया गया है, बल्कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी तैयारी है.
थानेदार, दरोगा और सिपाही पर कार्रवाई
डीआईजी नैथानी द्वारा की गई कार्रवाई के तहत लोहियानगर थाने के थानेदार विष्णु कुमार, हल्का इंचार्ज दिनेश और कारखास सिपाही सुमित को पुलिस लाइन बुलंदशहर अटैच कर दिया गया है. इस कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
तीनों पुलिसकर्मियों पर चोरी के वाहनों को संरक्षण देने और उनके कटान में संलिप्तता के आरोप हैं. डीआईजी के आदेश के अनुसार, तीनों के खिलाफ जांच बैठा दी गई है, जो बर्खास्तगी तक भी जा सकती है.
साजिद की गिरफ्तारी से खुला मामला
इस मामले की शुरुआत जनवरी माह में हुई थी जब हापुड़ जिले की गढ़मुक्तेश्वर पुलिस ने दिल्ली निवासी साजिद को चोरी के वाहनों के साथ गिरफ्तार किया. पूछताछ में साजिद ने खुलासा किया कि वह चोरी के वाहन मेरठ के लोहियानगर थाना क्षेत्र में लाकर कटवाता था.
उसने यह भी बताया कि यह सारा काम थानेदार विष्णु कुमार के संरक्षण में होता था. इस बयान के बाद मेरठ रेंज में हड़कंप मच गया और डीआईजी ने इस मामले की जांच एएसपी हापुड़ को सौंपी.
जांच में पुष्टि, हो सकती है बर्खास्तगी
एएसपी हापुड़ द्वारा की गई जांच में थानेदार विष्णु कुमार समेत तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए. इसके बाद डीआईजी नैथानी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीनों को मेरठ से हटाकर बुलंदशहर अटैच कर दिया.
साथ ही, इन पर दीर्घ दंड की कार्रवाई के लिए बुलंदशहर के अपर पुलिस अधीक्षक को जांच सौंपी गई है. दीर्घ दंड के अंतर्गत पुलिसकर्मियों को बर्खास्त तक किया जा सकता है.
सीओ कोतवाली पर भी सवाल
इस पूरे मामले में सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं. डीआईजी ने उनके परिवेक्षण में शिथिलता की बात कही है, जिससे साफ है कि उच्च अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में आ सकती है.
‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर जोर
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत किसी भी भ्रष्टाचार या गैरकानूनी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, “कुछ पुलिसकर्मी सिस्टम को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है.”
पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
डीआईजी के इस कड़े रुख के बाद रेंज भर के पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया है. यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
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