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गाजीपुर: भीषण गर्मी और लगातार बिजली कटौती ने गाजीपुर मेडिकल कॉलेज की हालत खराब कर दी है. कॉलेज में पिछले एक महीने से रोजाना घंटों बिजली गुल हो रही है. इससे न सिर्फ मरीजों की जान पर बन आ रही है, बल्कि पढ़ाई कर रहे सैकड़ों छात्र भी परेशान हैं.
सरकारी आदेश के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिए, ताकि इलाज और पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो. लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. आए दिन फाल्ट के कारण घंटों बिजली नहीं रहती. बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा मरीजों और छात्रों को उठाना पड़ रहा है.
हर दिन 300 से 400 लीटर डीजल हो रहा खर्च
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने किसी तरह काम चलाने के लिए जनरेटर का सहारा लिया है, लेकिन इसकी भी अपनी सीमाएं हैं. हर दिन 300 से 400 लीटर डीजल खर्च हो रहा है. यह न तो सस्ता है और न ही स्थायी समाधान.
डायलिसिस मरीजों की हालत हुई खराब
कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य डॉ. नीरज पांडेय ने बताया कि बिजली कटौती का सबसे बुरा असर डायलिसिस और गंभीर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है. कई बार इलाज बीच में रुक जाता है, जिससे मरीजों की हालत और खराब हो जाती है. कॉलेज में करीब 400 छात्र रहते हैं. गर्मी और बिना बिजली के हालात में उन्हें न तो ठीक से पढ़ाई हो पा रही है और न ही आराम. कई बार लैब में प्रयोग अधूरे रह जाते हैं.
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बार-बार फाल्ट से परेशानी
गर्मी के इस मौसम में बिजली की खपत वैसे ही काफी बढ़ गई है, ऊपर से बार-बार फाल्ट से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. आम लोगों को तो परेशानी हो ही रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेज जैसी जरूरी संस्था में बिजली की ऐसी समस्या बहुत गंभीर है.
बिजली का स्थाई समाधान करे विभाग
लोगों का कहना है कि जब मेडिकल कॉलेज तक को 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है, तो आम जनता की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रशासन और बिजली विभाग को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए, ताकि मरीजों की जान और छात्रों का भविष्य दोनों सुरक्षित रह सके.
– भारत एक्सप्रेस
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