आखिर क्यों किस करते हैं या गले लगाते हैं रशियन? जानें क्यों नहीं मिलाते हाथ
Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान आज बड़ा हादसा हो गया. वहां थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में भोले बाबा का सत्संग चल रहा था, जिसमें हजारों लोग सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि का प्रवचन सुनने पहुंचे थे. साकार हरि को स्थानीय लोग ‘विश्व हरि भोले बाबा’ भी कहकर पुकारते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2 जुलाई को जब सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि हजारों लोगों के बीच पहुंचा तो कई लोग बेकाबू हो गए. बड़ी संख्या में लोग उसके करीब जाने की कोशिश करने लगे, तभी वहां भगदड़ मच गई. कुछ चश्मदीदों ने बताया कि सत्संग का पंडाल खेतों में लगा हुआ था. सत्संग का समापन होने के बाद बाबा की कार वहां से जाने लगी. उनके पैर छूने के लिए लोग दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई.
सैकड़ों लोगों की अकाल मौतें होने के बाद सोशल मीडिया पर हाथरस भगदड़ की चर्चा होने लगी. बहुत-से लोग ये जानना चाहते हैं कि वो बाबा कौन है, जिसे सुनने के लिए प्रचंड गर्मी में भी 50 हजार से ज्यादा लोग आयोजन-स्थल पर पहुंच गए. भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में खासा लोकप्रिय है. हालांकि, उसका विवादों से पुराना नाता रहा है. स्थानीय लोग बताते हैं कि कासगंज जिले के पटियाली स्थित बहादुर नगर के रहने वाले साकार विश्व हरि भोले बाबा ने 17 साल पहले पुलिस विभाग से नौकरी छोड़कर सत्संग शुरू किया था. अब इस बाबा के उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं.
जानकारी के मुताबिक, सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि यौन शोषण समेत पांच अन्य गंभीर मुकदमों का आरोपी है. यह भी बताया जाता है कि कई मौकों पर अपने अनुयायियों को संकट से उबारने में मदद की. वह कोरोनाकाल में चर्चा में आया था. अब उसके खिलाफ कई मामलों में जांच में तेजी आएगी.
सूरज पाल उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले बाबा इटावा में भी पोस्टेड रहा है. कहा जाता है कि नौकरी के दौरान बलात्कार का मुकदमा लिखे जाने के बाद सूरज पाल को पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया था. बाद में जेल से छूटने के बाद वह अपना नाम और पहचान बदलकर बाबा बन गया.
सूरज पाल बाबा और उनके अनुयायी मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं. उसके एक अनुयायी ने कहा कि उनके जीवन में कोई गुरु नहीं है. वीआरएस लेने के बाद उन्हें अचानक भगवान से साक्षात्कार हुआ और उसी समय से उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हो गया. भगवान की प्रेरणा से उन्होंने जान लिया कि यह शरीर उसी परमात्मा का अंश है. उनका वास्तविक नाम सूरज पाल है, वो कासगंज के रहने वाले हैं.
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– भारत एक्सप्रेस
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