इस्मत चुगताई; जानें क्यों मिला ‘अश्लील लेखिका’ और ‘लेडी चंगेज खान’ का तमगा? मर्दों की इज्जत को लेकर कही थी ये बड़ी बात, समलैंगिक रिश्तों पर भी चलाई कलम
उनकी किताब 'लिहाफ' को लेकर उन पर लाहौर कोर्ट में मुकदमा चला. इस्मत ने माफी नहीं मांगी. उन्होंने मुकदमा लड़ा और जीत हासिल की.
आज भी रहस्य है नेताजी की मौत…जानें क्या है 18 अगस्त के दिन से उनका कनेक्शन, क्यों मांगी थी हिटलर से मदद?
आजादी के बाद भारत सरकार ने उनकी मौत के जांच के लिए 1956 और 1977 में दो बार आयोग नियुक्त किया.
जानें कौन हैं अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान? राष्ट्रमंडल खेलों में कायम किया था दबदबा
गीतिका की पहली पसंद कुश्ती नहीं थी. सबसे पहले उन्होंने एथलेटिक्स में अपना हाथ आजमाया था.
शाहजहां को टक्कर देती है ‘दशरथ मांझी: द माउंटेन मैन’ के प्यार की कहानी, जिन्होंने पत्नी की याद में पहाड़ काटकर निकाल दिया था रास्ता
बिहार के गया जिले के रहने वाले दिवंगत दशरथ माझी की मार्मिक कहानी अदम्य साहस और ताकत का उदाहरण है, जो सदियों तक लोगों को प्रेरणा देती रहेगी.
‘सरकारें आएंगी-जाएंगी… मगर ये देश रहना चाहिए’, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने सदन में दिया था ऐतिहासिक भाषण
पहली बार साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी देश के 10वें प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि उनकी सरकार सिर्फ 13 दिन चल सकी थी. वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे थे.
भारत और पाकिस्तान को एक साथ मिली आजादी, लेकिन इन वजहों से PAK 14 अगस्त को मनाने लगा स्वतंत्रता दिवस
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के अनुसार, ‘15 अगस्त, 1947 से भारत में दो स्वतंत्र राष्ट्र स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें क्रमशः भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा.’
पाकिस्तान ने मोरारजी देसाई को दिया था अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’, जानें क्या थी वजह
पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल जिया-उल हक को बातों ही बातों में यह बता दिया था कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में सब पता है.
बंटवारे के वक्त टॉस जीतकर भारत ने अपने नाम कर ली थी ये शानदार चीज…जानें पाकिस्तान को मिले थे कितने करोड़?
मातृ भूमि के लिए मर मिटने के जज्बे ने अंग्रेजों के पांव उखाड़ दिए थे और उन्हें भारत देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था.
कौन थीं भीकाजी कामा, जिन्होंने आजादी से बहुत पहले 1907 में विदेशी धरती पर लहराया था भारतीय ध्वज
‘भारतीय क्रांति की जननी’ के रूप में ख्याति अर्जित करने वाली भीकाजी कामा ने ब्रिटेन के अलावा अमेरिका और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान भारत की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया था.
क्यों काला होता है कड़कनाथ मुर्गे के खून का रंग? ये बड़ी वजह आई सामने
कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियां अपने अंडे पर नहीं बैठती हैं. कड़कनाथ के अंडों की ब्रीडिंग का तरीका दूसरे प्रजाति के मुर्गों से एकदम अलग है.